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कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs)

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स, कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, गोल्ड नैनोपार्टिकल्स)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र:3 - नैनो-प्रौद्योगिकी)

संदर्भ 

हाल ही में कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) को जर्मनी से एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है।

कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs)

  • इसे चार भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों के एक सहयोगी प्रयोग के द्वारा विकसित  किया गया है, जिनमे शामिल हैं -
    1. औषध निर्माण विभाग, गोवा विश्वविद्यालय।
    2. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल।
    3. एवीवीएम श्री पुष्पम कॉलेज, तंजावुर (तमिलनाडु)
    4. जैव प्रौद्योगिकी विभाग, बोडोलैंड विश्वविद्यालय।
  • कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स का विकास कॉर्डीसेप्स मिलिटेरिस और सोने के लवण के अर्क के संश्लेषण के द्वारा किया गया है, इसके प्रयोग से मानव शरीर में दवाओं की तेजी से और लक्षित पहुँच सुनिश्चित की जा सकती है।
    • कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस एक उच्च मूल्य वाला परजीवी कवक है, जिसे बोडोलैंड विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र (TIC) में विकसित किया गया है।
    • सोने के लवण, आमतौर पर दवा में इस्तेमाल होने वाले सोने के आयनिक रासायनिक यौगिक होते है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार जब दवा के कण छोटे होते हैं तो कोशिकाओं में दवाओं का प्रवेश बेहतर और अधिक कुशल होता है। 
    • कॉर्डीसेप्स मिलिटेरिस, दवाओं के बेहतर प्रवेश के लिए सोने के नैनोकणों के संश्लेषण में बायोएक्टिव घटक जोड़ता है।
  • जैवसंश्लेषित नैनोगोल्ड कणों पर शोध, उपचरात्मक दवाओं के विकास में नैनोकणों के एक नए अनुप्रयोग को स्पष्ट करता है, जिसे मलहम, टैबलेट और कैप्सूल या अन्य किसी रूप में भी उपयोग में लाया जा सकता है।

Cor-AuNPs

कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस 

  • कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस, एक उच्च मूल्य वाला परजीवी कवक है, इसके उल्लेखनीय औषधीय गुणों के कारण, इसे सुपर मशरूम भी कहा जाता है।
  • विश्व में कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस की लगभग 400 प्रजातियाँ पाई जाती है। 
  • प्राचीन काल से शरीर की विभिन्न प्रणालियों के पुनरोद्धार के लिए इसके अनुप्रयोगों के बारे में साक्ष्य उपलब्ध है।
  • चीन और तिब्बत में प्राचीन काल से ही हर्बल दवाओं में इसका उपयोग किया जाता  है।
  • इसमें एंटी-एजिंग, एंटी-वायरल तथा एंटी-ट्यूमर / एंटी-कैंसर गुण विद्यमान होते है।
  • इसका प्रयोग ऊर्जा एवं प्रतिरक्षा को बढ़ाने तथा इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की क्षमता) को मजबूत करने वाली दवाई के रूप में भी किया जाता है।
  • भारत के वैज्ञानिकों का एक समूह पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में उगाए जाने वाले जंगली कॉर्डिसेप्स मशरूम की आनुवंशिक विविधता और औषधीय गुणों पर शोध कर रहा था,  उन्होंने अब इस मशरूम की खेती को रोगाणु-रोधी, मधुमेह-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ मानकीकृत किया है।

प्रश्न - कभी-कभी समाचारों में उल्लेखित गुच्ची के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- (यूपीएससी-2022)

  1. यह एक कवक है।
  2. यह कुछ हिमालयी वन क्षेत्रों में पाया जाता है।
  3. इसकी व्यावसायिक रूप से उत्तर-पूर्वी भारत की हिमालय की तलहटी में खेती की जाती है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है?

(A) केवल 1

(B) केवल 3

(C) 1 और 2

(D) 2 और 3

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