New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

फाजिल्का में बना देश का पहला लकड़ी का गुरुद्वारा

चर्चा में क्यों?

पंजाब के फाजिल्का में पुलिस लाइन के अंदर भारत का पहला लकड़ी का गुरुद्वारा,श्री नानक निवास बनाया गया है।

उद्देश्य और दृष्टि

  • इस गुरुद्वारे की स्थापना पुलिस क्वार्टरों के भीतर रहने वाले परिवारों व कर्मियों के लिए एक शांत, सुलभ और पवित्र पूजा स्थल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी।
  • इसकी संरचना सिख सिद्धांतों - खुलेपन, विनम्रता और सेवा  को दर्शाती है
  • वहीं इसका निर्माण टिकाऊपन और वास्तुशिल्प नवाचार का प्रतीक है।

मुख्य विशेषताएँ

  • निर्माण सामग्री: पूरी संरचना फिनलैंड से आयातित देवदार की लकड़ी से बनी है, जो अपने दीर्घायु, कीटरोधी और जलवायु प्रतिरोधी गुणों के लिए जानी जाती है।
  • आकार व प्रवेश: यह गुरुद्वारा 40 फीट x 40 फीट क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें चार प्रवेश द्वार हैं - जो सिख परंपरा में समावेशिता के प्रतीक माने जाते हैं।
  • निर्माण समय: निर्माण कार्य केवल तीन महीनों में पूरा किया गया और 16 फरवरी 2023 को इसका उद्घाटन हुआ।
  • डिजाइनर: इसे लुधियाना के कुशल बढ़ई इकबाल सिंह द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लकड़ी के घरों के निर्माण में विशेषज्ञता प्राप्त है।

निर्माण और डिज़ाइन की विशेषताएँ

  • लकड़ी की आपूर्ति: आयातित लकड़ी समुद्री मार्ग से भारतीय बंदरगाहों तक लाई गई और वहाँ से ट्रक द्वारा फाजिल्का पहुंचाई गई।
  • संरचनात्मक डिज़ाइन:
    • बीमों का सटीक संरेखन - निर्बाध सौंदर्यशास्त्र के लिए।
    • हवादार गुंबद और मेहराब - वायु प्रवाह के उचित नियमन हेतु।
    • उत्तर-दक्षिण उन्मुखीकरण - तीव्र हवा से सुरक्षा और रोशनी के बेहतर वितरण के लिए।
  • तकनीक और परंपरा का संगम: पारंपरिक सिख वास्तुकला को आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों के साथ जोड़कर बनाया गया यह गुरुद्वारा नई सोच का प्रतीक है।

धार्मिक गतिविधियाँ और सामुदायिक भूमिका

  • प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे ‘प्रकाश’ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना) से दिन की शुरुआत होती है और रात 8 बजे ‘सुखासन’ (ग्रंथ साहिब का विश्राम) के साथ दिन समाप्त होता है।
  • रागी जत्थों की कीर्तन सेवा,सुखमनी साहिब पाठ,शादी समारोह (आनंद कारज) और अखंड पाठ जैसी धार्मिक क्रियाएं नियमित रूप से संपन्न होती हैं।
  • रविवार की विशेष संगत और स्थायी प्रबंधन समिति इसे संगठित रूप से संचालित करती है।
  • यहां देश-विदेश से सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचते हैं,जिससे यह एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र बन गया है।

महत्व और व्यापक प्रभाव

  • यह गुरुद्वारा एक व्यक्ति की भक्ति और सोच से शुरू हुआ, लेकिन आज एक सामूहिक धरोहर बन चुका है।
  • यह स्थान दर्शाता है कि कैसे आस्था, नवाचार और सेवा भावना मिलकर समाज को कुछ नया दे सकती हैं।
  • यह गुरुद्वारा भारत में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देता है और अन्य समुदायों को भी डिजाइन और आस्था के सामंजस्य की प्रेरणा देता है।

प्रश्न.भारत का पहला लकड़ी से निर्मित गुरुद्वारा किस राज्य में स्थित है?

(a) हरियाणा

(b) पंजाब

(c) हिमाचल प्रदेश

(d) उत्तराखंड

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X