केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के नेता वी.एस. अच्युतानंदन का 21 जुलाई, 2025 को तिरुवनंतपुरम में 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
वी.एस. अच्युतानंदन : जीवन परिचय
- जन्म : 20 अक्टूबर, 1923 को केरल के अलप्पुझा ज़िले में पनमन्ना गाँव में
- मृत्यु : 21 जुलाई, 2025 को केरल के तिरुवनंतपुरम में
- पूरा नाम : वेलिक्ककथु शंकरन अच्युतानंदन
प्रारंभिक जीवन
- वे एक गरीब परिवार से थे और माता-पिता को बचपन में ही देहांत हो गया था।
- प्राथमिक शिक्षा के बाद आर्थिक कठिनाइयों के कारण औपचारिक शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी।
- युवा अवस्था में एक दर्ज़ी एवं खेतिहर मज़दूर के रूप में काम करना शुरू किया।
प्रारंभिक राजनीतिक जीवन
- 15 वर्ष की आयु (वर्ष 1938) में वे कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े और ट्रेड यूनियन गतिविधियों के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया।
- वर्ष 1940 में कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए और कुत्तनाड में मजदूरों और किसानों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- वर्ष 1964 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) से अलग होकर 32 नेताओं के साथ मिलकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (CPI-M) की स्थापना की।
प्रमुख पद
- वर्ष 1980 से 1992 तक सी.पी.आई. (एम.) केरल राज्य सचिव रहे।
- वर्ष 1985 से 2009 तक सी.पी.आई. (एम.) पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे।
- वर्ष 1967, 1970, 1991, 2001, 2006, 2011 एवं 2016 में केरल विधानसभा के लिए चुने गए।
- वर्ष 1991-1996, 2001-2006 और 2011-2016 तक केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे, जो उन्हें सबसे लंबे समय तक विपक्ष के नेता बनाता है।
- वर्ष 2006 से 2011 तक केरल के 11वें मुख्यमंत्री रहे।
- वर्ष 2016 से 2021 तक केरल प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष रहे।
विचारधारा और नेतृत्व शैली
- माकपा के कट्टर अनुशासक और ईमानदार नेताओं में गिने जाते थे।
- 16 वर्ष की आयु में कम्युनिस्ट नेता पी. कृष्णा पिल्लै के मार्गदर्शन में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए।
- कठोर भ्रष्टाचार विरोधी रुख, पारदर्शिता एवं जनहित के लिए संघर्ष के लिए प्रसिद्ध।
- कई भूमि सुधार एवं मजदूर आंदोलनों और वंचित वर्गों का नेतृत्व।
- जैसे- वर्ष 1946 में पुन्नप्रा-वायलर विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई जो त्रावणकोर के दीवान के खिलाफ और सामंतवादी उत्पीड़न के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष था। इस दौरान वे गिरफ्तार भी हुए।
महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ
मुख्यमंत्री कार्यकाल (2006-2011)
- मुथंगा आदिवासी भूमि संघर्ष का हल
- माफिया विरोधी अभियानों का नेतृत्व
- आई.टी. सेक्टर और शिक्षा क्षेत्र में सुधार
- उपनिवेशी भूमि कब्जों को समाप्त करने की कोशिश
सामाजिक योगदान
- दलितों, आदिवासियों और अन्य वंचित वर्गों की आवाज़ बने।
- उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई, पर्यावरण संरक्षण और लोकतंत्र सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास किया।
- जीवनभर सादगी और अनुशासन के उदाहरण बने रहे।
सम्मान एवं मान्यता
- कॉमरेड वी.एस. के नाम से मशहूर और ‘जननायक’ की उपाधि से नवाजे गए।
- भारत के सबसे ईमानदार और प्रतिबद्ध राजनेताओं में उनकी गिनती होती है।