7 मई, 2025 को भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) रिपोर्ट, 2021 के अनुसार, भारत में प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष : उपलब्धियाँ (2014–2021)
- शिशु मृत्यु दर (IMR) : रिपोर्ट के अनुसार, शिशु मृत्यु दर संकेतकों में गिरावट का रुझान जारी रहा। देश में शिशु मृत्यु दर 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 39 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 27 हो गई है।
- नवजात मृत्यु दर (NMR) : नवजात मृत्यु दर वर्ष 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 26 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 19 हो गई है।
- पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) : पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 45 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 31 हो गई है।
- जन्म के समय लिंग अनुपात : यह वर्ष 2014 में 899 से सुधरकर 2021 में 913 हो गया है।
- कुल प्रजनन दर (TFR) : कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है जो 2014 में 2.3 से उल्लेखनीय सुधार है।
रिपोर्ट के अनुसार एस.डी.जी. लक्ष्य प्राप्त करने वाले राज्य
- मातृ मृत्यु अनुपात (2030 तक ≤ 70 प्रति लाख जीवित जन्म) : इन 8 राज्यों में केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, गुजरात, कर्नाटक (63) शामिल हैं।
- पांच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर (2030 तक ≤ 25 प्रति 1000 जीवित जन्म) : 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, यथा- केरल, दिल्ली, तमिलनाडु, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात शामिल हैं।
- नवजात मृत्यु दर (2030 तक ≤ 12 प्रति 1000 जीवित जन्म) : इसमें 6 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, यथा- केरल, दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
वैश्विक तुलना : भारत की अग्रणी स्थिति
मातृ मृत्यु दर में गिरावट (1990–2023)
- भारत: ???? 86% गिरावट
- वैश्विक औसत: ???? 48% गिरावट
शिशु व बाल मृत्यु दर में गिरावट (1990–2023)
- U5MR: भारत– 78% गिरावट; वैश्विक– 61%
- NMR: भारत– 70%; वैश्विक– 54%
- IMR: भारत– 71%; वैश्विक– 58%