New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

चक्रवात फेंगल एवं संबंधित मुद्दे

प्रारंभिक परीक्षा

(भौतिक भूगोल)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1; भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।)

चर्चा में क्यों

IMD

हाल ही में, भारत के पूर्वी समुद्री तट पर आए चक्रवात फेंगल ने पुडुचेरी और तमिलनाडु में तबाही मचाई, जिसमें भारी जान-माल की क्षति हुई।

चक्रवात फेंगल के बारे में

  • उत्त्पत्ति: बंगाल की खाड़ी
  • गति: 75-95 किमी. प्रति घंटा
  • श्रेणी: गंभीर चक्रवाती तूफ़ान
  • प्रभावित स्थल : तमिलनाडु एवं पुडुचेरी
  • प्रभाव: भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन
    • तमिलनाडु केविल्लुपुरम जिले के मैलम गांव में 24 घंटे में 510 मिमी. बारिश हुई। 
    • पुडुचेरी में एक दिन में 490 मिमी. बारिश हुई, जिसने 31 अक्टूबर 2004 को बनाए गए 211 मिमी. बारिश के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
  • परिणाम: कुल 12 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, हजारों बेघर हो गए।
  • हवाई, रेल एवं सड़क परिवहन प्रभावित, राजमार्ग जलमग्न तथा झीलें और नदियाँ उफान पर आ गईं।

चक्रवात की विभिन्न श्रेणियां

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) संबंधित वायु गति के आधार पर चक्रवातों को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत करता है :
    • निम्न दबाव (<31 किमी. प्रति घंटा)
    • अवदाब (31-49 किमी. प्रति घंटा)
    • गहरा अवदाब (50-61 किमी. प्रति घंटा)
    • चक्रवाती तूफ़ान (62-88 किमी. प्रति घंटा)
    • गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (89-117. किमी प्रति घंटा)
    • बहुत गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (118-221 किमी. प्रति घंटा)
    • सुपर साइक्लोन (>222 किमी. प्रति घंटा)

राहत उपाय 

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चक्रवात फेंगल से प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से केंद्रीय हिस्से के रूप में तमिलनाडु सरकार को 944.80 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी।
  • पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी ने केंद्र शासित प्रदेश में चक्रवात से प्रभावित सभी राशन कार्डधारकों को 5,000 रुपये और प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 30,000 रुपये की राहत सहायता देने की घोषणा की।

राज्य आपदा राहत कोष (SDRF)

  • क्या है : SDRF राज्य सरकारों के पास अधिसूचित आपदाओं के लिए उपलब्ध मुख्य निधि होती है।
  • वित्त आवंटन : केंद्र सरकार सामान्य श्रेणी के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए SDRF आवंटन का 75% और विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (पूर्वोत्तर राज्य, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर) के लिए 90% का योगदान देता है।
    • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 के अनुसार, गंभीर प्रकृति की आपदा के मामले में यदि SDRFमें पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो, तो राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से SDRF में धन की पूर्ति की जानी चाहिए।
    • इस धन की पूर्ति के लिए राज्यों को उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है, जिसके लंबित रहने तक कोई और आवंटन नहीं किया जाता।

पिछले चक्रवातों से फेंगल की तुलना

  • पिछले कुछ वर्षों में भारतीय तटों पर कई भयंकर तूफान आए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई है।
    • इन तूफानों की अधिकतम गति 260 किमी. प्रति घंटा (ओडिशा सुपर साइक्लोन, अक्टूबर 1999), 215 किमी. प्रति घंटा (साइक्लोन फैलिन, मई 2013) और 185 किमी. प्रति घंटा (साइक्लोन अम्फान , मई 2020) तक पहुंच गई। 
    • इसलिए, पहले आए कई तूफानों की तुलना में, चक्रवात फेंगल एक कम तीव्रता वाला तूफान था।

फेंगल के विनाशकारी होने के कारण

  • IMD के अनुसार, चक्रवात फेंगल की निरंतर धीमी गति के कारण अत्यधिक जान-माल की क्षति हुई।
    • अपनी उत्पत्ति से लेकर भूमि पर पहुँचने तक, फेंगल धीमी गति से आगे बढ़ता रहा।
    • कई मौकों पर, यह समुद्र में 6 किमी. प्रति घंटे से भी कम गति से आगे बढ़ा। 
  • पुडुचेरी के नज़दीक भूमि पर पहुँचने के तुरंत बाद फेंगल लगभग 12 घंटे तक स्थिर भी रहा।
  • जिसके परिणामस्वरूप चक्रवात के रूप में अपनी तीव्रता बनाए रखते हुए, इस तूफ़ान ने क्षेत्र में भारी बारिश और तेज़ हवाओं को उत्पन्न किया।
    • आम तौर पर, ज़मीन पर आने के बाद, चक्रवात अवरोधों से टकराने और इमारतों और पेड़ों से घर्षण का सामना करने के कारण कमज़ोर पड़ जाते हैं। 
  • फेंगल के मामले में, चूंकि तूफ़ान लम्बे समय तक स्थिर रहा, इसलिए विनाश तुलनात्मक रूप से ज़्यादा हुआ।
    • हाल के चक्रवातों के दौरान, जो फेंगल से भी अधिक तीव्र थे, मानव हताहतों की संख्या या तो शून्य थी या एकल अंक तक सीमित थी।

चक्रवात नामकरण

  • नामकरण की आवश्यकता क्यों : विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, किसी विशेष भौगोलिक स्थान या दुनिया भर में एक समय में एक से अधिक चक्रवात हो सकते हैं और ये घटनाएं एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक चल सकती हैं। 
    • इसलिए, भ्रम से बचने हेतु प्रत्येक उष्णकटिबंधीय तूफान को एक नाम दिया जाता है, जिससे आपदा जोखिम के प्रबंधन और शमन में सुविधा हो सके।
  • नामकरण संस्था :विश्वभर में 6 क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (आर.एस.एम.सी.) और 5 क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्र हैं, जिन्हें चक्रवाती तूफानों के संबंध में परामर्श जारी करने और नामकरण करने का दायित्व सौंपा गया है।
  • IMD: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) आर.एस.एम.सी. में से एक है।
    • इसका कार्य उत्तरी हिंद महासागर में बनने वाले चक्रवात का नामकरण करना  है, जब चक्रवात की सतह पर निरंतर हवा कीअधिकतम गति 62 किमी. प्रति घंटा या उससे अधिक हो जाती है।
  • केवल एक बार प्रयोग :चक्रवात हेतु प्रस्तावित नामों का प्रयोग दोबारा नहीं किया जाता। 
    • उदाहरण के लिए, फेंगल के बाद हिन्द महासागर मेंउत्पन्न अगले चक्रवात का नाम शक्ति (श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित) और उससे अगले चक्रवात का नाम मोंथा (थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित) रखा जाएगा।

हालिया चक्रवातों का नामकरण :

चक्रवात फेंगल

  • 'फेंगल' नाम सऊदी अरब द्वारा प्रस्तावित किया गया और यह अरबी भाषा में निहित शब्द है। यह WMO के भीतर भाषाई परंपरा और सांस्कृतिक पहचान के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करता है।

चक्रवात दाना

  • चक्रवात दाना ने अक्टूबर 2024 में ओडिशा तट पर दस्तक दी थी। दाना का नाम कतर द्वारा सुझाया गया था, जिसका अर्थ ‘उदारता’ है।

चक्रवात रेमल

  • चक्रवाती तूफान रेमल मई 2024 में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में आया था। रेमल नाम, जिसका अरबी में अर्थ 'रेत' है, ओमान द्वारा चुना गया था।

चक्रवात मंडौस

  • दिसंबर 2022 में मामल्लापुरम के पास उत्तरी तमिलनाडु तट को पार करने वाले चक्रवात मांडौस नाम का सुझाव संयुक्त अरब अमीरात ने दिया था।

चक्रवात सितरंग

  • चक्रवात सितरंग 24 अक्टूबर, 2022 को बांग्लादेश में आया था। उष्णकटिबंधीय तूफान सित्रंग का नाम थाईलैंड द्वारा दिया गया था। 

चक्रवात असानी

  • वर्ष 2022 में उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में बने चक्रवात असानी का नाम श्रीलंका द्वारा नामित किया गया था, इसका सिंहली में अर्थ है ‘क्रोध’।

चक्रवात ओखी

  • चक्रवात ओखी ने वर्ष 2017 में श्रीलंका व भारत के कुछ हिस्सों को तबाह कर दिया था। ओखी नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया था जिसका बंगाली में अर्थ है 'आँख'।

चक्रवात मोरा

  • मई 2017 में पूर्वोत्तर भारत में भयंकर बाढ़ का कारण बने चक्रवात मोरा का नाम थाईलैंड ने रखा था।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के बारे में

meterological-regions

  • परिचय: यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा (National Meteorological Service) है तथा मौसम विज्ञान व संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
  • स्थापना: वर्ष 1875
  • मुख्यालय: नई दिल्ली
  • क्षेत्रीय केंद्र: 6 केंद्र (मुंबई, चेन्नई, नई दिल्ली, कलकत्ता, नागपुर और गुवाहाटी)
  • मंत्रालय : पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन
  • प्रमुख कार्य : 
    • मौसम संबंधी प्रेक्षणों को लेना और मौसम से प्रभावित होने वाली गतिविधियों के संचालन हेतु मौसम की वर्तमान एवं पूर्वानुमान संबंधी जानकारी प्रदान करना।
    • उष्णकटिबंधीय चक्रवात, कालबैशाखी, धूल भरी आँधी, भारी वर्षा और बर्फ, शीत एवं उष्ण लहर आदि जैसी गंभीर मौसमी परिघटनाओं की चेतावनी देना।
    • कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योगों, खनिज तेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े प्रदान करना।
    • मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान को संचालित करना एवं  बढ़ावा देना।
    • भूकंपों के स्थान तथा केंद्र बिंदु का पता लगाना और उनका पता लगाने एवं विकास परियोजनाओं के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंपीयता का मूल्यांकन करना।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR