(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2:सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।) |
संदर्भ
भारत में अंग दान और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने हाल ही में एक 10-सूत्रीय सलाह जारी की है। यह सलाह लिंग असंतुलन को दूर करने, मृतक दाताओं के परिजनों को प्राथमिकता देने और प्रक्रिया में पारदर्शिता, समानता और गरिमा सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
भारत में अंग प्रत्यारोपण
- वर्तमान स्थिति: भारत में अंग प्रत्यारोपण की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2013 में 5,000 से कम प्रत्यारोपण होते थे, जबकि वर्ष 2024 में 18,900 से अधिक प्रत्यारोपण दर्ज किए गए, जो अब तक का सर्वाधिक है।
- आधार-आधारित प्रतिज्ञा: वर्ष 2023 में लॉन्च की गई आधार प्रमाण पत्र आधारित NOTTO ऑनलाइन प्रतिज्ञा वेबसाइट के माध्यम से 3.3 लाख से अधिक नागरिकों ने अंग दान की प्रतिज्ञा की है, जो सार्वजनिक भागीदारी में एक ऐतिहासिक क्षण है।
- राष्ट्रीय रजिस्ट्री: NOTTO एक डिजिटल राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाए रखता है, जहाँ मरीज अपने अस्पतालों के माध्यम से प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
- मुख्य अंग और ऊतक: किडनी, हृदय, लीवर, फेफड़े, हृदय और कॉर्निया जैसे प्रमुख अंगों और ऊतकों के लिए वितरण मानदंड निर्धारित हैं, जो स्थानीय उपयोग तथा भौगोलिक निकटता को प्राथमिकता देते हैं।
हालिया सरकारी आदेश और नीतियाँ
- महिलाओं और रिश्तेदारों को प्राथमिकता: NOTTO ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर प्रतीक्षा सूची में महिलाओं को अतिरिक्त अंक देने और मृतक दाताओं के परिजनों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
- डाटा सबमिशन अनिवार्य: सभी प्रत्यारोपण अस्पतालों को प्रत्येक दाता और प्राप्तकर्ता का डाटा NOTTO की राष्ट्रीय रजिस्ट्री में जमा करना अनिवार्य है। गैर-अनुपालन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
NOTTO की 10-सूत्रीय सलाह
राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने अंग दान और प्रत्यारोपण प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित 10-सूत्रीय सलाह जारी की है:
- महिलाओं को प्राथमिकता
- प्रतीक्षा सूची में महिलाओं को अतिरिक्त अंक देकर लिंग असमानता को कम करना।
- उद्देश्य: पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम प्रत्यारोपण मिलने की समस्या को संबोधित करना।
- मृतक दाताओं के परिजनों को लाभ
- मृतक दाताओं के रिश्तेदारों को अंग प्रत्यारोपण में प्राथमिकता दी जाएगी।
- इससे अंग दान को प्रोत्साहन मिलेगा और सामाजिक विश्वास बढ़ेगा।
- राष्ट्रीय रजिस्ट्री में डाटा सबमिशन अनिवार्य
- सभी प्रत्यारोपण अस्पतालों को दाताओं और प्राप्तकर्ताओं का डाटा NOTTO की डिजिटल रजिस्ट्री में जमा करना होगा।
- गैर-अनुपालन पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी।
- ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के स्थायी पद
- राज्य सरकारों से अनुरोध कि प्रत्यारोपण और अंग प्राप्ति करने वाले अस्पतालों में ट्रांसप्लांट को ऑर्डिनेटर के स्थायी पद सृजित करें।
- यह प्रक्रिया को सुचारू और संगठित बनाएगा।
- ट्रॉमा सेंटर्स को अंग प्राप्ति केंद्र के रूप में पंजीकृत करना
- सभी ट्रॉमा सेंटर्स में अंग और ऊतक प्राप्ति की सुविधाएँ विकसित की जाएं।
- इन्हें आधिकारिक रूप से अंग प्राप्ति केंद्रों के रूप में पंजीकृत करना अनिवार्य।
- मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं का विकास
- मेडिकल कॉलेजों को चरणबद्ध तरीके से अंग प्राप्ति और प्रत्यारोपण की सुविधाएँ विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- इससे दीर्घकालिक क्षमता निर्माण होगा।
- इमरजेंसी रिस्पॉन्डर्स का प्रशिक्षण
- इमरजेंसी रिस्पॉन्डर्स और एम्बुलेंस स्टाफ को संभावित मृतक दाताओं की जल्दी पहचान के लिए प्रशिक्षित करना।
- विशेष रूप से सड़क दुर्घटना पीड़ितों और स्ट्रोक रोगियों पर ध्यान।
- पारदर्शिता और समानता
- अंग वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने के लिए मानदंडों का कड़ाई से पालन।
- वितरण में स्थानीय उपयोग और भौगोलिक निकटता को प्राथमिकता।
- जागरूकता अभियान
- अंग दान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर SOTTO के साथ मिलकर अभियान चलाना।
- उदाहरण: जम्मू में नर्सिंग छात्रों द्वारा रंगोली कला के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम।
- प्रक्रिया में गरिमा
- अंग दान और प्रत्यारोपण की पूरी प्रक्रिया में गरिमा बनाए रखने पर बल।
- दाताओं और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना।
इसे भी जानिए
- राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत स्थापित एक राष्ट्रीय संगठन है।
- इसका कार्यालय सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में स्थित है।
- इसके दो प्रभाग हैं:
- राष्ट्रीय मानव अंग और ऊतक निष्कासन और भंडारण नेटवर्क
- राष्ट्रीय बायोमटेरियल केंद्र
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