(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम) |
चर्चा में क्यों
अफ्रीका में गैंडों के अवैध शिकार को रोकने के लिए उनके सींगों में रेडियोधर्मी समस्थानिकों का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। इस परियोजना का नेतृत्व दक्षिण अफ्रीका के विटवाटरसैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कर रहे हैं।
परियोजना की मुख्य विशेषताएँ
- उद्देश्य: अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर गैंडे के सींगों का पता लगाना और उनके व्यावसायिक मूल्य को कम करना।
- विधि: पशु चिकित्सक के पर्यवेक्षण में सींगों में रेडियोधर्मी समस्थानिकों की अल्प मात्रा इंजेक्ट की जाती है।
- पता लगाना: हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमा चौकियों पर उपयोग किए जाने वाले मानक स्कैनर द्वारा रेडियोधर्मी पदार्थ की पहचान की जा सकती है।
- सुरक्षा: समस्थानिकों का स्तर गैंडों या पारिस्थितिक तंत्र के लिए हानिकारक सीमा से नीचे है, लेकिन पता लगाने के लिए पर्याप्त उच्च है।
- निरोधक कारक: अवैध बाजारों में खरीदार संभावित कानूनी जोखिमों और स्वास्थ्य संबंधी आशंकाओं के कारण सींगों की खरीद-बिक्री से बच सकते हैं।
महत्त्व
- संरक्षण रणनीति: CITES (लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन) के उद्देश्यों के अनुरूप एक नवीन, प्रौद्योगिकी-संचालित पद्धति।
- वन्यजीव संरक्षण कानून: भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और वैश्विक शिकार-विरोधी ढाँचों के अंतर्गत उपायों का पूरक।
- अंतर्राष्ट्रीय अपराध नियंत्रण: वन्यजीव तस्करी से निपटने में सहायक।
- सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप: एस.डी.जी. 15 (भूमि पर जीवन) और एस.डी.जी. 16 (शांति, न्याय और मजबूत संस्थान) का समर्थन।
संभावित चुनौतियाँ
- बड़े पैमाने पर तैनाती के लिए तकनीकी और तार्किक व्यवहार्यता।
- पशु हस्तक्षेप पर नैतिक बहस।
- शिकारियों का अन्य प्रजातियों की ओर संभावित झुकाव।