चक्रवात मोंथा
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में ‘चक्रवात मोंथा’ (Cyclone Montha) के कारण रेड अलर्ट जारी किया है।
- बंगाल की खाड़ी में बना यह गहरा निम्न दाब क्षेत्र शक्तिशाली चक्रवात में परिवर्तित हो गया है जो पूर्वी तटों पर भारी वर्षा और तेज़ हवाओं के साथ प्रभाव डाल सकता है। यह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम तट के बीच काकीनाड़ा से टकराया।
चक्रवात मोंथा के बारे में
- ‘मोंथा’ एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) है जो वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हो रहा है।
- यह प्रारंभ में एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) के रूप में शुरू हुआ था।
- इसके बाद यह क्रमशः गहरे दबाव (Deep Depression) और फिर चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) में बदल गया है।
- मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात आगे चलकर गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) का रूप ले सकता है।
उत्पत्ति
- इस चक्रवात की उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में हुई है, जहाँ समुद्र का तापमान अधिक होने के कारण हवा में नमी और ऊष्मा की स्थिति चक्रवात बनने के लिए अनुकूल रहती है।
- बंगाल की खाड़ी विश्व के उन क्षेत्रों में से एक है जहाँ हर वर्ष कई शक्तिशाली चक्रवात बनते हैं, इसका कारण है:
- गर्म समुद्री जल (28°C से अधिक)
- नमी युक्त हवा और
- खाड़ी की भौगोलिक आकृति जो हवाओं को केंद्रित करती है।
प्रभावित क्षेत्र
आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना के तटीय इलाकों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
नामकरण और वर्गीकरण
- ‘मोंथा (Montha)’ नाम थाईलैंड द्वारा दिया गया है जिसका अर्थ थाई भाषा में ‘सुगंधित या सुंदर फूल’ होता है।
- उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में जब कोई तूफान ‘चक्रवातीय तूफ़ान (Cyclonic Storm)’ की श्रेणी में पहुँच जाता है, तभी उसे नाम दिया जाता है।
- नामों की सूची विश्व मौसम संगठन (WMO) और ESCAP Panel on Tropical Cyclones के सदस्य देशों द्वारा मिलकर बनाई जाती है।
- नामकरण का उद्देश्य संचार को सरल बनाना, रिकॉर्ड रखना और जन-जागरूकता बढ़ाना होता है।
प्रभाव
- भारी वर्षा और तेज़ हवाएँ : तटीय जिलों में पेड़ों और बिजली के खंभों के गिरने की संभावना
- समुद्री लहरों की ऊँचाई में वृद्धि : मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
- कृषि पर प्रभाव : धान और अन्य फसलों को नुकसान की संभावना
- बिजली, यातायात और संचार सेवाओं में बाधा
- मानवीय और संपत्ति हानि का खतरा
हरिकेन मेलिसा
- हरिकेन मेलिसा 2025 का सबसे ताकतवर तूफान बन गया है। यह कैरेबियाई देश जमैका की ओर बढ़ रहा है। इससे पहले यह हैती और डोमिनिकन रिपब्लिकन में क्षति पहुंचा चुका है।
- इससे यह कैटेगरी-5 हरिकेन बन गया है जो तूफानों की सबसे खतरनाक श्रेणी है। इसमें हवाओं की गति 252 किलोमीटर प्रति घंटा (या 157 मील प्रति घंटा) से अधिक होती है।
पश्चिमी अफ्रीका तट से उठी गर्म हवा से बना तूफान
- हरिकेन मेलिसा 2025 के अटलांटिक तूफान सीजन का पांचवां हरिकेन है। यह अक्टूबर की शुरुआत में पश्चिम अफ्रीका के तट से उठी एक ‘ट्रॉपिकल वेव’ (यानी गर्म और नम हवा की लहर) से बना, जो धीरे-धीरे ताकत पकड़ते हुए अटलांटिक महासागर में आगे बढ़ी।
- मेलिसा नाम विश्व मौसम संगठन (WMO) की छह साल में दोहराई जाने वाली सूची से लिया गया है। इससे पहले 2019 में मेलिसा एक कमजोर तूफान था, इसलिए उसका नाम रिटायर नहीं किया गया था।
- अगर 2025 वाला मेलिसा भारी तबाही मचाता है, तो यह नाम स्थायी रूप से सूची से हटा दिया जाएगा। तूफानों के नाम आसान उच्चारण और पहचान के लिए चुने जाते हैं।
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वर्ष 2025 के शीर्ष पाँच शक्तिशाली तूफ़ान
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नाम
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प्रभावित क्षेत्र
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हरिकेन मेलिसा
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जमैका
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सुपर टाइफून रागासा
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फिलीपींस, हांगकांग
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हरिकेन एरिन
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अमेरिका
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साइक्लोन एरोल
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ऑस्ट्रेलिया
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टाइफून हमबर्टो
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बरमूडा
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