रक्षा मंत्री ने अल्लूरी सीताराम राजू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की
चर्चा में क्यों ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीताराम राजू की 128वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें आदिवासी अधिकारों के रक्षक और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध वीर योद्धा बताया।
जीवन परिचय
जन्म:4 जुलाई 1897, विशाखापत्तनम के पास एक छोटे गाँव में।
पृष्ठभूमि:मध्यमवर्गीय परिवार से; प्रारंभिक शिक्षा बाधित होने के बाद भारत भ्रमण किया।
प्रभाव:देशभक्ति के विचारों और आदिवासी समाज की दुर्दशा से गहराई से प्रभावित।
क्रांतिकारी संपर्क: चटगाँव (अब बांग्लादेश) के क्रांतिकारियों से मिले
ब्रिटिश शासन के खिलाफ रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया
रम्पा विद्रोह (1922–1924)
स्थान: विशाखापत्तनम और गोदावरी जिलों का 'मान्यम' (वन क्षेत्र)।
प्रमुख कारण:
मद्रास वन अधिनियम, 1882 के तहत आदिवासियों के अधिकारों का हनन।
पुलिस, वन और राजस्व अधिकारियों की लूट और अत्याचार।
रणनीति:
आदिवासियों को संगठित किया, शिक्षा व चिकित्सा सहायता दी।
गुरिल्ला युद्ध शैली अपनाई, पारंपरिक और छीनकर लिए गए हथियारों का प्रयोग।
सीटी, ढोल और जंगल की भौगोलिक समझ का उपयोग।
पुलिस थानों पर हमले: चिंतापल्ली, कृष्णादेवीपेटा, राजा ओममंगी आदि।
अंग्रेजों की प्रतिक्रिया:
सिर पर ₹10,000 का इनाम घोषित।
मालाबार स्पेशल पुलिस, असम राइफल्स की तैनाती।
टी.जी. रदरफोर्ड द्वारा दमन का नेतृत्व।
शहादत:-
तारीख:7 मई 1924 को पकड़े गए और शहीद हुये
प्रश्न :-अल्लूरी सीताराम राजू ने किस विद्रोह का नेतृत्व किया था?