New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

ज़िला विकास परिषद् (District Development Council)

चर्चा में क्यों ?

केंद्र सरकार ने 17 अक्तूबर, 2020 को जम्मू और कश्मीर में ज़िला विकास परिषद् की स्थापना के उद्देश्य से जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 में संशोधन किया है। इसके सदस्य केंद्र-शासित प्रदेशों में मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाएंगे। अधिनियम के अनुसार परिषद् एक वर्ष में न्यूनतम चार सामान्य बैठकें आयोजित करेगी।

ज़िला विकास परिषद्

  • भारतीय संविधान के 73वें संशोधन के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, खंड स्तर पर मध्यवर्ती पंचायत और ज़िला स्तर पर ज़िला पंचायत को औपचारिक रूप दिया गया है।
  • इसी को ध्यान में रखते हुए पंचायती राज मंत्रालय के पूर्व विशेष सचिव डॉ. बाला प्रसाद की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा मध्यवर्ती, ब्लॉक और ज़िला पंचायतों से सम्बंधित योजनाओं हेतु एक विस्तृत ढांचा तैयार किया गया है।
  • इस समिति में सम्बंधित सहयोगी मंत्रालयों के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एन.आई.आर.डी.पी.आर.), राज्य ग्रामीण विकास संस्था (एस.आई.आर.डी.), स्थानीय प्रशासन संस्थान (आई.एल.ए.) के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और ज़िला एवं ब्लॉक पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लिये व्यापक स्तर पर ब्लॉक और ज़िला विकास योजनाओं को बनाने में इन संस्थानों की सहायता की आवश्यकता होगी।
  • यह ढांचा स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों, स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके ब्लॉक और ज़िला स्तरों पर समावेशी विकास को बढ़ावा देगा। साथ ही, सभी संसाधन व्यक्तियों तथा हितधारकों के लिये एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करेगा, जो मध्यवर्ती, ब्लॉक और ज़िला पंचायतों में विकेंद्रीकृत योजना से जुड़े हुए हैं।
  • त्वरित, भागीदारीपूर्ण और समावेशी विकास प्रदान करके ग्रामीण भारत को बदलने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। ज़िला विकास परिषद् का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा तथा इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के लिये आरक्षण का प्रावधान किया गया है। जिले के अतिरिक्त ज़िला विकास आयुक्त, ज़िला विकास परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
  • इस ढांचे को तैयार करते समय समिति ने पंचायतों के ऊपरी स्तर के लिये योजना के विभिन्न आयामों पर विचार विमर्श किया। योजनाओं की तैयारी की प्रक्रिया सम्बंधी विस्तृत विश्लेषण, राज्य सरकारों और अन्य एजेंसियों की भूमिका, विभिन्न स्तरों पर अभिसरण और सामूहिक कार्रवाई की गुंजाइश न केवल शामिल एजेंसियों के बीच समझ में सहायक होगी, वरन मानवीय नियोजन की शर्तों को सक्षम बनाने से सम्बंधित लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
  • साथ ही, इसमें वर्ष 2020-21 में 15वें वित्त आयोग के अनुदान में से कुछ हिस्सा मध्यवर्ती और ज़िला पंचायतों को वितरित किये जाने का भी प्रावधान है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR