New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

समुद्री हीटवेव का जलीय पक्षियों पर प्रभाव

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1; भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।)

संदर्भ

हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 2014-2016 के प्रशांत समुद्री हीटवेव ने अलास्का के कॉमन म्यूर (यूरिया आल्गे) समुद्री पक्षियों की आधी से अधिक आबादी को समाप्त कर दिया। यह आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ी प्रलेखित वन्यजीव मृत्यु दर है। 

हालिया अध्ययन 

  • समुद्री पक्षियों पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों पर शोध ने स्पष्ट रूप से प्रजातियों की सीमा और प्रचुरता में बड़े बदलावों का सुझाव दिया है। 
  • समुद्री हीटवेव आवास बनाने वाली प्रमुख प्रजातियों जैसे केल्प्स और कोरल की बड़े पैमाने पर मृत्यु का कारण बनती हैं। 
    • जिससे ‘कैस्केडिंग ट्रॉफिक प्रभाव’ के शुरू होने से पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता में परिवर्तन होता है। 

कैस्केडिंग ट्रॉफिक प्रभाव, या ट्रॉफिक कैस्केड, पारिस्थितिक परिवर्तनों की एक श्रृंखला है। यह तब प्रारंभ होती जब किसी शिकारी को खाद्य जाल से हटा दिया जाता है। ये परिवर्तन खाद्य श्रृंखला के निचले स्तरों पर शिकार, वनस्पति और अन्य जीवों की संख्या और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं।

  • समुद्री हीटवेव के कारण कई ऊपरी-ट्रॉफिक-स्तर की प्रजातियां कम प्रजनन दर तथा बढ़ी हुई मृत्यु दर से पीड़ित हैं। 
  • शोधकर्ताओं के अनुसार इस अवधि के दौरान 13 निगरानी कॉलोनियों में म्यूर की आबादी में 52-78% की गिरावट दर्ज की गई है।
  • अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान के कारण पारिस्थितिकी तंत्र में संभावित रूप से स्थायी परिवर्तन के साथ तीव्र और दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं।
  • शोध के अनुसार समुद्री हीटवेव से मछली की गुणवत्ता, मात्रा और पहुँच में अचानक गिरावट के कारण जलीय पक्षियों की आबादी में बड़े पैमाने पर भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हुई।
  • समुद्री हीटवेव के कारण कॉमन म्यूर के अतिरिक्त प्रशांत कॉड (गैडस मैक्रोसेफालस) हंपबैक व्हेल (मेगाप्टेरा नोवाएंग्लिया) पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 

क्या है समुद्री हीटवेव

समुद्री हीटवेव वह स्थिति है जब समुद्र का तापमान किसी निश्चित क्षेत्र और वर्ष के समय के लिए सामान्य से लगातार अधिक गर्म रहता है। इसका समुद्री जीवन के साथ-साथ तटीय समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

कॉमन म्यूर के बारे में 

  • कॉमन म्यूर लंबे समय तक जीवित रहने वाले गोताखोर समुद्री पक्षी हैं जो उत्तरी गोलार्ध में समशीतोष्ण और उप-आर्कटिक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में निवास करते हैं। 
  • वे छोटी मछलियों, किशोर शिकारी मछलियों और क्रिल को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। 
  • ये अपने भोजन की तलाश में 200 मीटर की गहराई तक गोता लगाते हैं।
  • अधिकांश म्यूर पक्षी अलास्का की खाड़ी और पूर्वी बेरिंग सागर में फैली कॉलोनियों में प्रजनन करते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR