50 महिलाओं सहित 101 भारतीय छात्रों को वर्ष 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए यूरोप में दो वर्षीय मास्टर प्रोग्राम के उद्देश्य से प्रतिष्ठित ‘इरास्मस+ छात्रवृत्ति’ प्रदान की गई है।
इरास्मस+ कार्यक्रम के बारे में
- परिचय : यह अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए यूरोपीय संघ की प्रमुख पहल है।
- यह दुनिया भर के छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और संस्थानों को अध्ययन, अध्यापन, प्रशिक्षण तथा सीमा पार सहयोग करने के अवसर प्रदान करता है।
- वर्तमान में इरास्मस+ शिक्षा, प्रशिक्षण, युवाओं एवं खेल को समर्थन देने वाला दुनिया का सबसे बड़ा गतिशीलता व शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रम है।
- प्रारम्भ : वर्ष 1987 में
- पूर्ण नाम : ‘विश्वविद्यालय के छात्रों की गतिशीलता के लिए यूरोपीय क्षेत्र कार्रवाई योजना’ (EURASMUS)
- बजट : €26.2 बिलियन (₹2,09,694 करोड़)
- विशेषताएँ
- इरास्मस+ छात्र प्राय: कम-से-कम दो यूरोपीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन करते हैं और संयुक्त, दोहरी या एकाधिक डिग्री प्राप्त करते हैं।
- यह छात्रवृत्ति ट्यूशन, यात्रा एवं रहने के व्यय को कवर करती है जिससे छात्रों को अपनी शैक्षणिक व व्यावसायिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने का अवसर मिले।
- इससे 19 से अधिक यूरोपीय संघ के देशों में अध्ययन करने का अवसर मिलता है।
- भारतीय छात्रों के लिए लाभ : भारत इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी है जहाँ वर्ष 2004 में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए कार्यक्रम खोले जाने के बाद से भारतीय छात्रों को कुल मिलाकर 6,000 से अधिक इरास्मस + छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गई हैं।
क्या आप जानते हैं?
यूरोप में 4000 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान हैं। 5,000 से ज़्यादा संस्थानों, 17.5 मिलियन छात्रों, 1.35 मिलियन शिक्षकों और 1.17 मिलियन शोधकर्ताओं के साथ यूरोप उच्च शिक्षा एवं अत्याधुनिक शोध के लिए एक संपन्न केंद्र है।
|