(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।) |
संदर्भ
हाल ही में, असम मंत्रिमंडल ने अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 के कार्यान्वयन हेतु एक मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure : SOP) को मंज़ूरी दी है।
हालिया एस.ओ.पी. की मुख्य विशेषताएँ
- पहचान : अवैध अप्रवासियों की पहचान के लिए स्पष्ट तंत्र।
- समन्वय: राज्य पुलिस, सीमावर्ती संगठनों और जिला प्रशासन की परिभाषित भूमिका।
- यह ज़िला आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को असम से अवैध प्रवासियों को निकालने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
- निष्कासन प्रक्रिया: दस्तावेज़ीकरण, सत्यापन और निर्वासन के लिए निर्धारित चरण।
- कानूनी निगरानी: न्यायिक दिशानिर्देशों और मानवाधिकार मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित।
जिला आयुक्त की विशेष भूमिका
- यदि ज़िला आयुक्त को पुलिस या किसी अन्य स्रोत से ऐसी सूचना मिलती है कि किसी व्यक्ति के अवैध प्रवासी होने का संदेह है,
- तो वह उस व्यक्ति को 10 दिनों के भीतर अपनी नागरिकता का प्रमाण प्रस्तुत करने का निर्देश देंगे।
- यदि ज़िला आयुक्त को लगता है कि संदिग्ध अवैध प्रवासी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य उसकी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त/संतोषजनक नहीं हैं,
- तो वह उस व्यक्ति की अवैध प्रवासी के रूप में पहचान करते हुए लिखित रूप में अपनी राय दर्ज करेंगे।
- ज़िला आयुक्त 1950 के अधिनियम की धारा 2(ए) के तहत निष्कासन आदेश पारित करेगा।
- जिसमें निर्देश दिया जाएगा कि अवैध अप्रवासी को 24 घंटे का समय देकर निर्दिष्ट मार्ग से असम से निकाला जाए।
- विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा पहचाने गए घोषित विदेशी नागरिकों के मामले में, ज़िला आयुक्त निष्कासन आदेश पारित करेगा।
- क्योंकि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से उपलब्ध उपायों का उपयोग करने के बाद उनके मामले में कोई पहचान प्रक्रिया आवश्यक नहीं है।
- एक बार ऐसे व्यक्ति की अवैध अप्रवासी के रूप में पहचान हो जाने पर, जिला आयुक्त अवैध प्रवासी को विदेशी पहचान पोर्टल पर उसके बायोमेट्रिक्स और जनसांख्यिकीय विवरण दर्ज करने के लिए संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास भेजेंगे।
- यदि निष्कासन आदेश के बावजूद कोई अवैध प्रवासी खुद को नहीं हटाता है, तो 1950 के अधिनियम की धारा 4 के अनुसार, जिला आयुक्त संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सहायता से ऐसे अवैध प्रवासी को या तो होल्डिंग सेंटर में रखेगा या निष्कासन के लिए उसे निकटतम सीमा सुरक्षा बल को सौंप देगा।
- यदि कोई अवैध प्रवासी शून्य रेखा के पास या राज्य में प्रवेश के 12 घंटे के भीतर पाया जाता है, तो उसे बिना किसी और प्रक्रिया के तुरंत वापस भेज दिया जाएगा।
महत्त्व
- अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 के लागू होने के बाद से पहली औपचारिक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP)।
- बांग्लादेश से घुसपैठ चिंताओं के बीच यह जारी किया गया है।
- यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और सीमा प्रबंधन नीतियों से जुड़ा है।
संबंधित मुद्दे
- निर्वासन में उत्पन्न मानवीय चुनौतियाँ।
- बांग्लादेश के साथ संभावित राजनयिक संवेदनशीलताएँ।
- सुरक्षा उपायों के बिना मनमाने ढंग से कार्यान्वयन का जोखिम।
अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950
- यदि अप्रवासियों के प्रवास से राज्य के आर्थिक, सामाजिक या सांस्कृतिक जीवन को खतरा हो, तो यह केंद्र सरकार को असम से अप्रवासियों को निष्कासित करने का अधिकार देता है।
- इसे पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से बड़े पैमाने पर हुए प्रवास की पृष्ठभूमि में पारित किया गया था।
- विदेशी अधिनियम, 1946 के विपरीत, यह केवल असम पर लागू होता है।