26 जून, 2025 को फास्ट पैट्रोल वेसल (FPV) 'अदम्य' को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) में शामिल किया गया।
'अदम्य' के बारे में
- परिचय : यह पोत फास्ट पैट्रोल वेसल (FPV) परियोजना के अंतर्गत निर्मित 8 पोत में से पहला और भारत की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता का प्रतीक है।
- निर्माण एवं डिजाइन : गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा
- तकनीकी नवाचार : ‘अदम्य' भारत का पहला ऐसा एफ.पी.वी. है जिसमें कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (CPP) और स्वदेशी गियरबॉक्स का प्रयोग किया गया है।
- ये तकनीकें पोत को समुद्री स्थितियों में बेहतर फुर्ती, लचीलापन व प्रभावी संचालन क्षमता प्रदान करती हैं।
- आयुध और प्रणालियाँ
- 30 मिमी. सीआरएन-91 गन
- अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट-कंट्रोल गन
- एकीकृत ब्रिज सिस्टम (IBS)
- एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली (IPMS)
- स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली (APMS)
रणनीतिक महत्व
- समुद्री कानून प्रवर्तन: समुद्री क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण यह अवैध गतिविधियों जैसे तस्करी, मछली पकड़ने के उल्लंघन और समुद्री अपराधों को रोकने में सक्षम है
- तटीय निगरानी: भारत के विशाल समुद्री तट और विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की निगरानी के लिए यह जहाज अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है, जो वास्तविक समय में खतरों की पहचान और प्रतिक्रिया को सक्षम बनाता है।
- खोज और बचाव कार्य: समुद्री आपदाओं, जैसे जहाज दुर्घटना या प्राकृतिक आपदाओं में, 'अदम्य' की त्वरित प्रतिक्रिया और उच्च गति खोज-बचाव कार्यों को प्रभावी बनाती है।
- क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक उपस्थिति: हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के संदर्भ में, यह जहाज भारत की समुद्री उपस्थिति को मजबूत करता है और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देता है।