New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

गर्भपात पर चिकित्सा समिति की व्यवहार्यता

संदर्भ

एक नए अध्ययन के अनुसार, ‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक, 2020’ में 24 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को समाप्त करने का निर्णय लेने के लिये डॉक्टरों के पैनल का प्रस्ताव ‘अव्यवहार्य’ है।

कारण

  • अध्ययन के अनुसार, इसका प्रमुख कारण देश में 82% प्रसूति व स्त्री रोग (Obstetrics-Gynaecology), बाल रोग (Paediatric) तथा अन्य विशेषज्ञ पदों का खाली होना है।
  • इस रिपोर्ट में सर्जन, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सकों और बाल रोग विशेषज्ञों सहित अन्य विशेषज्ञों की ज़िलेवार उपलब्धता का विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया गया कि वर्ष 2015 से 2019 के बीच प्रत्येक वर्ष में इनके 71% से 8% के बीच पद खाली थे। यह आँकड़ा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ग्रामीण स्वास्थ्य सर्वेक्षण पर आधारित है।
  • यह कमी उत्तर-पूर्व में अधिक थी, जिनमें सिक्किम, मिजोरम और मणिपुर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में बाल रोग विशेषज्ञों की 100% कमी है।

गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक, 2020

  • यह विधेयक ‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971’ (Medical Termination of Pregnancy- MTP) में संशोधन के उद्देश्य से मार्च, 2020 में राज्य सभा में पेश किया गया था।
  • विधेयक में हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में एक मेडिकल बोर्ड के गठन सहित कई संशोधनों का प्रस्ताव है, जो भ्रूण की असामान्यताओं के मामलों में 24 सप्ताह से अधिक के गर्भधारण पर निर्णय करेगा।
  • प्रत्येक बोर्ड में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट या सोनोलॉजिस्ट, एक बाल रोग विशेषज्ञ और राज्य/यू.टी. सरकारों द्वारा निर्धारित अन्य सदस्य होंगे।

कमियाँ

  • यह विधयेक अधिकार आधारित ढाँचे में फिट नहीं है क्योंकि मेडिकल बोर्ड गर्भवती महिलाओं से उनकी स्वायत्तता छीन लेता है। साथ ही, यह कानूनी सुधार कई लोगों के लिये गर्भपात को अधिक चुनौतीपूर्ण बना देगा, जिसमें विशेष रूप से हाशिये पर स्थित समूह शामिल हैं।
  • यदि बोर्ड बना दिये जाते हैं, तो अधिक दूरदराज़ के क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को यात्रा में आने वाली लागतों के कारण उन पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी राष्ट्रों से जटिल प्राधिकरण प्रक्रियाओं को शामिल करके गर्भ समापन में अवरोध न पैदा करने का आग्रह किया है। साथ ही, उसने यह भी कहा है कि प्राधिकरण प्रक्रियाओं से शिक्षा में कमी और घरेलू हिंसा के जोखिम के कारण गरीब महिलाओं और किशोरों पर असमान रूप से बोझ बढ़ता है, जो गर्भ समापन तक पहुँच में असमानता पैदा करते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR