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हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस विधेयक

चर्चा में क्यों?

लोकसभा में हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस विधेयक पारित हो गया है। इस विधेयक का उद्देश्य स्वास्थ्य-हानिकारक वस्तुओं पर सेस लगाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम करना और उससे प्राप्त धन का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा तथा स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने में करना है।

Health-Security.

प्रमुख प्रावधान

  • सेस का दायरा: केवल उन वस्तुओं पर लगाया जाएगा जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित हैं; उदाहरण के तौर पर सिगरेट, पान मसाला, गुटखा आदि। 
  • सेस (अतिरिक्त टैक्स) की दरें और उससे जुटाए गए पैसों का उपयोग, दोनों पर फैसला सिर्फ संसद ही करेगी।  यानी टैक्स कितना होगा और वह पैसा कहाँ खर्च होगा; यह सब संसद की मंजूरी से ही तय किया जाएगा। 
  • सेस से संबंधित सभी नियम; जैसे टैक्स की दर कैसे तय होगी और जुटाए गए फंड का उपयोग कैसे किया जाएगा; पहले से निर्धारित कानूनी ढाँचे के अनुसार होंगे।  यानी सेस लगाने और उसके पैसों को खर्च करने की पूरी प्रक्रिया बिल में स्पष्ट रूप से दर्ज है।
  • लक्ष्य: राजस्व जुटाना ताकि राष्ट्र की सुरक्षा और आम लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों मजबूत हो सकें। 
  • सेस को 'किसी भी आवश्यक वस्तु' पर नहीं लगाया जाएगा; यह विशेषकर डेमेरिट वस्तुओं के लिए लक्षित होगा।

हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल के प्रभाव

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
    • कीमतें बढ़ने से पान/गुटखा व सिगरेट जैसी हानिकारक वस्तुओं की मांग में गिरावट संभावित है; जिससे तम्बाकू और मसाले से जुड़े रोगों का भार घट सकता है।
    • सेस से स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे टीकाकरण, अस्पताल व्यवस्था, रोगनिरोधक कार्यक्रम) में निवेश सम्भव होगा; दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ के साथ आर्थिक उत्पादकता में सुधार।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
    • जमा किए गए संसाधन से सैन्य तैयारियों, अत्याधुनिक उपकरणों, स्पेस एवं साइबर क्षमताओं के लिए इंतज़ाम किए जा सकते हैं। 
    • आधुनिक मामलों में हथियार, तकनीक व रडार/सैटेलाइट जैसी क्षमताएँ महंगी हैं; निरंतर फंडिंग से ऑपरेशनल गेप कम होना चाहिए।
  • आर्थिक और उपभोक्ता प्रभाव
    • प्रभावित वस्तुओं पर अतिरिक्त सेस से उपभोक्ता कीमतें बढ़ेंगी; इससे कम-आय वाले उपभोक्ताओं पर प्रकट भार हो सकता है। 
    • सरकार के संग्रह के नए स्रोत बनेंगे; परन्तु यदि जमाखोरी/तस्करी बढ़ती है तो अनुमानित राजस्व घट भी सकता है; यह निगरानी और अनुपालन पर निर्भर होगा।
    • पान मसाला/तम्बाकू उद्योगों को आर्थिक झटका लग सकता है; रोजगार व असमय परिवर्तन के लिए राहत के उपाय आवश्यक हो सकते हैं।
  • सामाजिक प्रभाव
    • महंगाई से खपत घटेगी तो सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ के साथ सामाजिक चेतना बढ़ सकती है।
    • उच्चाधिकारियों और नियामक एजेंसियों को अवैध बिक्री व विज्ञापन पर कड़ी निगरानी करनी होगी; वरना नीति का लक्ष्य प्रभावित हो सकता है।

सेस (उपकर) क्या है?

  • सेस एक अतिरिक्त कर (Extra Tax) होता है, जिसे सरकार किसी विशेष उद्देश्य के लिए लगाती है। इसका पैसा किसी विशेष योजना या ज़रूरत पर ही खर्च किया जाता है; जैसे: शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वच्छता आदि। 
  • उदाहरण: शिक्षा उपकर, स्वास्थ्य उपकर, कृषि अवसंरचना सेस आदि 

डिमेरिट वस्तुएँ क्या हैं?

  • डिमेरिट वस्तुएँ वे उत्पाद होते हैं जिनका उपयोग स्वास्थ्य, समाज या पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है।
    जैसे- सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, शराब आदि।

निष्कर्ष

Health Security से National Security Cess Bill एक ऐसा मिश्रित-उद्देश्य वाला कदम है जो सरकार के अनुसार दो बड़े लक्ष्यों राष्ट्रीय सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सुधार को एक साथ संबोधित करने का प्रयत्न करता है। इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सेस से जुटाए गए धन का उपयोग कितनी पारदर्शिता और प्रभावी तरीके से सही स्थानों पर किया जाता है।

प्रश्न. हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल का उद्देश्य क्या है?

(a) केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए फंड जुटाना

(b) केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार के लिए फंड जुटाना

(c) सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए फंड जुटाना

(d) केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देना

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