New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

वित्तीय समावेशन सूचकांक, 2024

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय घटनाक्रम, भारतीय अर्थव्यवस्था)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय)

संदर्भ

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक (Financial Inclusion Index) जारी किया। 

सूचकांक संबंधी प्रमुख बिंदु 

  • मार्च 2024 के लिए इस सूचकांक का मान 64.2 है, जबकि मार्च 2023 में यह 60.1 था। यह इसके सभी उप-सूचकांकों में वृद्धि को दर्शाता है।
  • आर.बी.आई. के अनुसार, इस सूचकांक में सुधार मुख्यत: वित्तीय संस्थानों (सेवाओं) के उपयोग आयाम के कारण हुआ है, जो वित्तीय समावेशन की गहनता को दर्शाता है।

वित्तीय समावेशन सूचकांक के बारे में 

  • यह सूचकांक प्रतिवर्ष जुलाई में प्रकाशित किया जाता है। इसका प्रथम संस्करण वर्ष 2021 में जारी किया गया था।  
  • इस सूचकांक का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने, निम्न आय वाले एवं समाज के कमज़ोर वर्गों के लिए उचित लागत पर तथा समय पर और पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को ट्रैक करना है। 
  • इस सूचकांक में सरकार एवं संबंधित क्षेत्र के नियामकों के परामर्श से बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक के साथ पेंशन क्षेत्र का विवरण शामिल होता है।
  • इस सूचकांक के मान को 0 से 100 के बीच दर्शाया जाता है, जहाँ 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। इस सूचकांक का निर्माण बिना किसी 'आधार वर्ष' के किया गया है 

सूचकांक में शामिल पैरामीटर

  • RBI के अनुसार इस सूचकांक के तीन व्यापक पैरामीटर में वित्तीय सेवाओं तक पहुँच (35% भारांश), उपयोग (45% भारांश) और गुणवत्ता (20% भारांश) शामिल हैं।
    • इनकी गणना 97 संकेतकों के आधार पर की जाती है।
  • इस सूचकांक के गुणवत्ता पहलू में वित्तीय साक्षरता, उपभोक्ता संरक्षण और सेवाओं में असमानता एवं कमियों को शामिल किया जाता है।

वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 10 जनवरी, 2020 को वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति : 2019-2024 जारी की। इसमें भारत में वित्तीय समावेशन नीतियों के दृष्टिकोण एवं उद्देश्यों को निर्धारित किया गया है।
  • यह रणनीति RBI द्वारा केंद्र सरकार व वित्तीय क्षेत्र के नियामकों (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण और भारतीय पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण) से इनपुट लेकर तैयार की गई थी।
  • वित्तीय समावेशन के लिए रणनीतिक उद्देश्य : RBI ने वित्तीय समावेशन के लिए छह रणनीतिक उद्देश्यों की पहचान की है :
    1. वित्तीय सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच
    2. सामूहिक रूप से बुनियादी वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना
    3. आजीविका एवं कौशल विकास तक पहुँच 
    4. वित्तीय साक्षरता एवं शिक्षा 
    5. ग्राहक संरक्षण एवं शिकायत निवारण
    6. प्रभावी समन्वय
  • वित्तीय समावेशन के लिए उठाए गए कदम : प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, लघु वित्त बैंक एवं भुगतान बैंक के लिए लाइसेंस जारी करना और भारतीय डाक भुगतान बैंक की शुरुआत आदि।   
  • वित्तीय समावेशन की चुनौतियाँ :
    • अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा (ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ हिस्सों सहित हिमालयी  और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के दूरस्थ इलाकों में)
    • ग्रामीण इलाकों में टेली एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी की ख़राब स्थिति  
    • सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाएँ आदि। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X