New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

जियोटेक्सटाइल

(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

एलूर नगर पालिका ने मानसून से पहले पर्यावरण-अनुकूल कॉयर 'जियोटेक्सटाइल' (Geotextiles) का उपयोग करके तालाबों एवं नदियों के किनारों को मजबूत करने पर काम शुरू किया है।

क्या है जियोटेक्सटाइल

  • जियोटेक्सटाइल बुने हुए, सिले हुए या गैर-बुने हुए टेक्सटाइल सामग्री है जो सिंथेटिक अथवा प्राकृतिक पॉलिमर से निर्मित होते हैं।
  • इसे भू-तकनीकी एवं सिविल इंजीनियरिंग में अनुप्रयोग किया जाता है, जैसे कि बुनियादी ढांचे के कार्य, सड़क, रेलवे, तटीय सुरक्षा, लैंडफिल, कटाव नियंत्रण।
  • मृदा के साथ मिलकर उपयोग करने पर मृदा के परत को अलग करने, फ़िल्टर करने, सुदृढ़ करने, संरक्षित करने एवं सूखाने की क्षमता होती है।
  • जियोटेक्स्टाइल के प्रकार : जियोटेक्सटाइल्स पॉलिएस्टर या पॉलीप्रोपाइलीन जैसे पॉलिमर से बने होते हैं। तैयार करने के तरीके के आधार पर इन्हें 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है :
    • बुनाई युक्त जियोटेक्सटाइल (Woven Geotextile) : आमतौर पर पाए जाने वाले जियो-टेक्सटाइल बुने हुए प्रकार के होते हैं और उन तकनीकों से निर्मित किए जाते हैं जो सामान्य कपड़ों की बुनाई के समान होती हैं। इसमें समानांतर धागों के दो सेटों की विशिष्ट उपस्थिति होती है। लंबाई वाले सूत को ताना और लंबवत सूत को बाना कहा जाता है।

GIO1

    • बुनाई रहित जियोटेक्सटाइल (Non-Woven Geotextile) : ऐसे जियोटेक्सटाइल में रेशों को थर्मल, रासायनिक या यांत्रिक तकनीकों के संयोजन का उपयोग करके आपस में गूंथा जाता है। मैकेनिकल इंटरलॉकिंग या रासायनिक या थर्मल बॉन्डिंग से प्राप्त जियो-फाइबर की मोटाई 0.5-1 मिमी होती है, जबकि रासायनिक रूप से बंधे बुनाई रहित फाइबर आमतौर पर 3 मिमी. के क्रम में तुलनात्मक रूप से मोटे होते हैं।

JIO2

    • सिला हुआ जियोटेक्सटाइल (Knitted Geotextile) : इनका निर्माण धागों के लूपों की एक श्रृंखला को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया द्वारा किया जाता है।

JIO3

    • इन तीन जियोटेक्सटाइल्स के अलावा उपयोग किए जाने वाले अन्य जियोसिंथेटिक्स में जियोनेट, जियोग्रिड, जियोसेल, जियोमेम्ब्रेन, जियोकंपोजिट आदि शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएं एवं विशिष्ट अनुप्रयोग हैं।

जियोटेक्सटाइल के लाभ

  • जियोटेक्सटाइल उत्पाद वर्षों से भू-तकनीकी डिजाइनों में सुधार कर रहे हैं, जो पारंपरिक तकनीकों की तुलना में कई लाभ प्रदान करते हैं।
  • जियोटेक्सटाइल पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने में मददगार होते हैं। पारंपरिक सामग्रियों के स्थान पर फ़िल्टर परत के रूप में इनका उपयोग करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 90% तक और ऊर्जा मांग को 80% तक कम किया जा सकता है।
  • जियोटेक्सटाइल का उपयोग प्राय: उपसतह जल निकासी एवं कटाव नियंत्रण अनुप्रयोगों में फिल्टर फैब्रिक के रूप में किया जाता है। इनके निस्पंदन गुणों को आसन्न मृदा में परिवहन किए गए कणों के आकार के आधार पर संवर्धित किया जा सकता है।
  • मिट्टी में जियोटेक्सटाइल डालने से मृदा की तन्य शक्ति उसी तरह बढ़ जाती है जैसे कंक्रीट में स्टील की। यही कारण है कि सड़क निर्माण में जियोटेक्सटाइल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
  • जियोटेक्सटाइल्स नदी के किनारों को धाराओं या लहरों के कारण होने वाले कटाव से बचाते हैं। जब इनका उपयोग प्राकृतिक या कृत्रिम संवर्धन के संयोजन में किया जाता है, तो ये एक फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X