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वैश्विक मानव विकास सूचकांक, 2024 

प्रारंभिक परीक्षा: वैश्विक मानव विकास सूचकांक, UNDP, सतत विकास लक्ष्य
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

चर्चा में क्यों:

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की वैश्विक मानव विकास सूचकांक पर रिपोर्ट 'ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिनिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड' जारी की गई है।

GHDI

इस सूचकांक में भारत की स्थिति:

  • संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (UNHDI) में भारत 193 देशों की सूची में 134वें स्थान पर रहा। (एक स्थान का सुधार)
    • यह सूचकांक वर्ष 2022 के आंकड़ों पर आधारित है
    • भारत वर्ष 2021 में 191 देशों में 135वें स्थान पर था
  • इस सूचकांक में भारत को कुल 0.644 अंक दिए गए हैं।
  • भारत को मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखा गया है।

UNHDI

मानव विकास के संकेतकों में भारत:

HUMAN

  • जन्म के समय जीवन प्रत्याशा सुधरकर 67.7 वर्ष हो गई है
    • वर्ष 2021 में 67.2 वर्ष थी
  • स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष से बढ़कर 12.6 वर्ष दर्ज हुए
  • कुल वृद्धि 5.88%
    • 18 स्थानों का सुधार हुआ है।
  • स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए हैं
  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 5.42 लाख से बढ़कर 5.75 लाख हो गई।

इस सूचकांक के वैश्विक आंकड़े:

  • इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड (0.967 अंक) पहले स्थान पर है।
  • भारत के पड़ोसी देशों का स्थान:
  • उच्च मानव विकास श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत
    • श्रीलंका 78वें स्थान पर 
    • चीन 75वें स्थान पर
  • मध्यम मानव विकास श्रेणी के अंतर्गत
    • भूटान 125वें स्थान पर
    • बांग्लादेश 129वें स्थान पर
  • नेपाल 146वें और पाकिस्तान 164वें स्थान पर रहे

UNDP

वैश्विक मानव विकास सूचकांक:

  • यह सूचकांक मानव विकास दृष्टिकोण पर आधारित है।
  • इसका उद्देश्य है कि किसी देश के विकास का आकलन करने के लिए लोगों और उनकी क्षमताओं को अंतिम मानदंड होना चाहिए, न कि सिर्फ आर्थिक विकास।
  • इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
  • यह सूचकांक पहली बार वर्ष 1990 में जारी किया गया था।
  • यह अवधारणा पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा विकसित की गई थी।

मानव विकास सूचकांक के संकेतक:

HDI

  • यह चार संकेतकों को ध्यान में रखते हुए मानव विकास की औसत उपलब्धि को मापता है:
    • जन्म के समय जीवन प्रत्याशा (सतत विकास लक्ष्य 3)
    • स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष (सतत विकास लक्ष्य 4.3)
    • स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष (सतत विकास लक्ष्य 4.4)
    • सकल राष्ट्रीय आय (सतत विकास लक्ष्य 8.5)

SDGS

जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 

  • यह एक नवजात शिशु के जीवित रहने की उम्मीद किए जाने वाले वर्षों को दर्शाती है।
  • जीवन प्रत्याशा लोगों की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का प्रतीक है।

शिक्षा:

  • इसका अध्ययन दो संकेतकों का उपयोग करके किया जाता है
    • स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष: 25 वर्ष की आयु तक एक वयस्क द्वारा स्कूल में बिताए गए वर्षों की संख्या को दर्शाते हैं
    • स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष: किसी देश में जन्म लेने वाले बच्चे को अपने जीवनकाल के दौरान स्कूली शिक्षा के कुल कितने वर्ष प्राप्त होने की उम्मीद है।

सकल राष्ट्रीय आय:

  • इसे प्रति व्यक्ति GNI नामक संकेतक का उपयोग करके मापा जाता है।
  • आय सूचकांक किसी देश में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को दर्शाता है।

प्रश्न:-  वैश्विक मानव विकास सूचकांक, 2024 सम्बन्ध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इसमें भारत को उच्च मानव विकास श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
  2. यह सूचकांक पहली बार वर्ष 1990 में जारी किया गया था।
  3. इसकी अवधारणा पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा विकसित की गई थी।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी  तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: वैश्विक मानव विकास सूचकांक जारी करने के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए इसमें भारत की हालिया स्थिति का उल्लेख कीजिए।

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