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वैश्विक महामारी संधि

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य देशों ने मिलकर एक 'वैश्विक महामारी संधि' (World Pandemic Treaty) का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव 19 मई 2025 को 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तुत किया जाएगा।

वैश्विक महामारी संधि प्रस्ताव के बारे में

  • परिचय : यह महामारी की रोकथाम, तैयारी और समुचित प्रतिक्रिया देने के लिए देशों को एकजुट करने पर केन्द्रित एक प्रस्तावित अंतरष्ट्रीय समझौता है।
  • कानूनी रूप से बाध्यकारी : यह संधि कानूनी रूप से बाध्यकारी होगी, हालांकि देशों की स्वास्थ्य नीतियों में परिवर्तन नहीं होगा।
  • प्रस्तुतकर्ता : इस प्रस्ताव को अंतर-सरकारी वार्ता निकाय (आई.एन.बी.) द्वारा अंतिम रूप दिया गया।
    • इस निकाय की स्थापना दिसंबर 2021 में डब्ल्यू.एच.ओ. संविधान के तहत महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए एक सम्मेलन, समझौते या अन्य अंतरराष्ट्रीय साधन का मसौदा तैयार करने और बातचीत करने के लिए की गई थी।
  • उद्देश्य
    • महामारियों की समय रहते पहचान करना
    • सूचना एवं संसाधनों का पारदर्शी और समान वितरण सुनिश्चित करना
    • देशों के बीच सहयोग बढ़ाना और एकजुटता लाना
    • स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ और लचीला बनाना

प्रस्तावित संधि के प्रमुख प्रावधान

  • रोगजन्य (Pathogen) डाटा साझा करने की व्यवस्था : संधि में एक ऐसा ढांचा विकसित किया गया है जिसके तहत वायरस, बैक्टीरिया जैसे रोगजनकों की जानकारी को वैश्विक रूप से साझा किया जाएगा ताकि समय रहते वैक्सीन और दवाएं विकसित की जा सकें।
  • वन हेल्थ’ दृष्टिकोण : इंसान, पशु और पर्यावरण तीनों के स्वास्थ्य को एक साथ जोड़कर महामारी की रोकथाम के उपाय किए जाएंगे।
  • वैश्विक अनुसंधान और उत्पादन केंद्रों का विस्तार : वैश्विक स्तर पर भौगोलिक विविधता के साथ शोध एवं विनिर्माण हब बनाए जाएंगे ताकि किसी एक क्षेत्र पर निर्भरता न हो।
  • तकनीक और ज्ञान साझाकरण : महामारी से जुड़ी तकनीक, दवाएं और स्वास्थ्य उत्पाद बनाने की जानकारी सभी देशों के साथ साझा की जाएगी।
  • प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की वैश्विक टीम : एक प्रशिक्षित और बहुआयामी हेल्थ वर्कफोर्स तैयार की जाएगी जो किसी भी देश में आपात स्थिति में मदद के लिए भेजी जा सके।
  • वित्तीय समन्वय तंत्र : इसके तहत एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीयन तंत्र बनाया जाएगा जो महामारी की स्थिति में वित्त उपलब्ध करवा सके।
  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण : इसके तहत दवाएं, PPE किट, ऑक्सीजन जैसी ज़रूरी चीज़ों की आपूर्ति के लिए एक स्थायी और मजबूत वैश्विक नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
  • विभिन्न देशों की संप्रभुता का सम्मान : डब्लू.एच.ओ. के अनुसार यह संधि किसी भी देश की नीतियों या कानूनों को बदलने का अधिकार नहीं देती।
    • डब्लू.एच.ओ. देशों को लॉकडाउन लगाने, टीकाकरण अनिवार्य करने या यात्रा प्रतिबंध लागू करने का आदेश नहीं दे सकता।
    • संधि के तहत हर देश को अपने स्वास्थ्य निर्णय स्वतंत्र रूप से लेने का अधिकार रहेगा।
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