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ग्रीन बॉन्ड 

(प्रारंभिक परीक्षा: ग्रीन बॉन्ड)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र:3 भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय, समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय)

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 8,000 करोड़ रुपये के दो किस्तों में कुल 16,000 करोड़ रुपये के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SgrBs) जारी करने की घोषणा की है। 

प्रमुख बिन्दु

  • कार्बन तीव्रता को महत्वपूर्ण रूप से कम करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, वर्ष 2022-23 के बजट में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने की घोषणा की गई।
  • सरकार सकल घरेलू उत्पाद की कार्बन उत्सर्जन तीव्रता को, वर्ष 2030 तक 2005 के स्तर से 45 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। 
  • सरकार नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50 प्रतिशत विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता में कमी आएगी। 

ग्रीन बांड 

  • ग्रीन बॉण्ड  ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन ’परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है, यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है।
  • ग्रीन बांड किसी भी संप्रभु इकाई, अंतर-सरकारी समूहों या गठबंधनों और कॉरपोरेट्स द्वारा जारी किए गए बांड हैं। 
  • वर्ष 2007 में यूरोपीय निवेश बैंक और विश्व बैंक जैसे कुछ बैंकों द्वारा ग्रीन बॉण्ड लॉन्च किया गया। 
  • सर्वप्रथम भारत में गाजियाबाद द्वारा म्यूनिसपल ग्रीन बॉन्ड जारी किए गए। 
  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) द्वारा ग्रीन बॉण्ड जारी करने एवं इन्हें सूचीबद्ध करने हेतु पारदर्शी मानदंडों को लागू किया गया है।

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ग्रीन बॉन्ड का महत्व

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  • ग्रीन बांड जलवायु परिवर्तन और संबंधित चुनौतियों के खतरों से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन के रूप में उभरा है।
  • विश्व बैंक समूह की संस्था इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं को खतरा है, और यह कृषि, भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए जोखिम पैदा करता है।
  • पर्यावरणीय परियोजनाओं को समावेशी बनाने के लिए अधिक धन की आवश्यकता होगी ऐसे में पूंजी बाजार और निवेशकों का परस्पर सहयोग जरूरी हो जाता है, ग्रीन बॉन्ड उस संबंध को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • ग्रीन बॉन्ड्स निवेशकों को कारोबारी रणनीति की अच्छी प्रथाओं में संलग्न होने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। 
  • IFC के अनुसार, ग्रीन बॉन्ड और ग्रीन फाइनेंस में वृद्धि भी अप्रत्यक्ष रूप से उच्च कार्बन उत्सर्जक परियोजनाओं को हतोत्साहित करने का काम करती है।
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