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ग्रे एवं व्हाइट मैटर

(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

संदर्भ 

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ऑटिज्म रिसर्च सेंटर के शोध से पता चला है कि मस्तिष्क की संरचना में लिंग संबंधी अंतर जन्म से ही मौजूद होते हैं।

शोध के बारे में

  • इस शोध के परिणाम ‘बायोलॉजी ऑफ सेक्स डिफरेंसेस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं।
  • इस अध्ययन में 500 से अधिक नवजात शिशुओं को शामिल किया गया था।
    • शोधकर्ताओं की टीम ने डेवलपिंग ह्यूमन कनेक्टोम प्रोजेक्ट (Developing Human Connectome Project) के डाटा का विश्लेषण करके यह शोध किया। इस प्रोजेक्ट में शिशुओं के जन्म के तुरंत बाद एम.आर.आई. ब्रेन स्कैन मिलता है।

शोध के निष्कर्ष

  • मस्तिष्क आयतन में अंतर : जन्म के समय बालक शिशु का मस्तिष्क आयतन (Brain Volume) बालिका शिशु के मस्तिष्क आयतन से अपेक्षाकृत बड़ा होता है।
  • ग्रे एवं व्हाइट मैटर में अंतर : जन्म के समय बालक शिशु के मस्तिष्क में औसतन व्हाइट मैटर की मात्रा अधिक होती है जबकि बालिका शिशु के मस्तिष्क में औसतन ग्रे मैटर की मात्रा अधिक होती है।
  • जन्मपूर्व लिंगभेद में सहायक : ये अंतर जन्म के तुरंत बाद ही स्पष्ट हो जाते हैं, इसलिए वे जन्मपूर्व मस्तिष्क के विकास के दौरान जैविक लिंग भेद को प्रतिबिंबित कर सकते हैं। इससे भ्रूण के लिंग की जांच आसानी से हो सकेगी।

ग्रे मैटर एवं व्हाइट मैटर का तुलनात्मक अध्ययन

ग्रे मैटर

व्हाइट मैटर

यह मस्तिष्क की सतह (कॉर्टिकल) पर पाया जाने वाला ऊतक है। 

यह मस्तिष्क के गहरे ऊतकों (सबकोर्टिकल) में पाया जाता है।

यह माइलिन की कमी के कारण ग्रे या धूसर दिखाई देता है।

यह माइलिन की प्रचुरता के कारण व्हाइट या सफ़ेद दिखाई देता है।

यह सूचना प्रसंस्करण, स्मृति, अनुभूति, भावना एवं शरीर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह मस्तिष्क के उन क्षेत्रों को जोड़ता है जो संकेत भेजते व प्राप्त करते हैं, और मस्तिष्क के सभी अंगों की सुरक्षा करता है।

इसे सब्सटेंशिया ग्रिसिया (Substantia Grisea) के नाम से  जाना जाता है।

इसे सब्सटेंशिया अल्बा (Substantia Alba) के नाम से  जाना जाता है

इसमें न्यूरोनल कोशिका निकाय, डेंड्राइट एवं सिनैप्स शामिल होते हैं।

यह तंत्रिका तंतुओं (Nerve Cells) से बना होता है।

यह मस्तिष्क का लगभग 40% हिस्सा घेरता है।

यह मस्तिष्क का लगभग 60% हिस्सा घेरता है।

यह व्यक्ति के शरीर में 20 से 30 वर्ष की आयु में पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है।

यह व्यक्ति में 40 वर्ष की आयु तक लगभग पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है।

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