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भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए – अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक, वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2&3’ - भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश)

चर्चा में क्यों

  • हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक’ रिपोर्ट, 2022  में, वित्त वर्ष 2022-23 के लिये भारत की विकास दर में कमी का अनुमान व्यक्त किया है।

भारत के संबंध में पूर्वानुमान

  • अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के विकास दर अनुमान में एक बार फिर से कटौती कर दी है, मंगलवार को जारी आउटलुक में उसने 2022 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। 
  • यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है।
  • इससे पहले जुलाई 2022 में जारी अनुमानों में आईएमएफ ने भारत की जीडीपी विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
  • यह वित्त वर्ष 2022  की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के उम्मीद से कमजोर रहने और बाह्य मांग में भी कमी आने की ओर इशारा करता है।
  • दुनियाभर में बढ़ती ब्याज दरें, आपूर्ति संबंधी समस्याओं और यूरोप में जारी युद्ध से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है।
  • हालाँकि आईएमएफ ने 2024  के लिए भारत की जीडीपी विकास दर अनुमान में कोई परिवर्तन नहीं किया है, और इसके 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि 2022-23 में भारत में मुद्रास्फीति दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023-24 में 5.1 प्रतिशत तक कम हो सकती है।
  • आईएमएफ के अनुसार, मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों की सख्ती, मांग को कमजोर कर रही है और नीति निर्माताओं का लक्ष्य मुद्रास्फीति को एक नियत सीमा के भीतर लाना है।
  •  इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के संबंध में पूर्वानुमान

  • आईएमएफ ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की औसत विकास दर में भी गिरावट आने की आशंका जाहिर की है।
  • जुलाई 2022 में उसने ग्लोबल ग्रोथ रेट 2.9% रहने की उम्मीद जाहिर की थी, लेकिन आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में वैश्विक औसत विकास दर महज 2.7 फीसदी रहने वाली है।
  • रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं – अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और चीन में आर्थिक समस्यायें जारी रहेंगी।
  • आईएमएफ ने चीन की विकास दर 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है, जबकि 2021 में उसकी विकास दर 8.1 फीसदी रही थी।
  • आईएमएफ के इकोनॉमिक काउंसलर ने कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले, चीन में स्लोडाउन  के चलते लोगों की रोजमर्रा की जरुरतों की चीजें महंगी होती जा रही है।
  • उन्होंने कहा कि 2023 में एक तिहाई देशों की आर्थिक विकास दर नकारात्मक रह सकती है तथा मंदी जैसे हालात का सामना करना पड़ सकता है।

अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 

  • आईएमएफ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
  • 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का गठन किया गया था।
  • ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान विश्व बैंक की भी स्थापना की गयी, इसलिये इन्हें ब्रेटन वुड्स संस्थाओं के रूप में भी जाना जाता है।
  • भारत ने 1945 में अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सदस्यता ग्रहण की। 
  • वर्तमान में 189 देश इसके सदस्य है। 
  • अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अपने सदस्य राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति पर दृष्टि रखने का कार्य करती है।

आईएमएफ का उद्देश्य

  • विश्व के वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बेहतर बनाना और बढ़ावा देना।
  • वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • एक संतुलित अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिए आवश्यक कदम उठाना।
  • आर्थिक सहायता और सतत आर्थिक विकास के माध्यम से उच्च रोजगार को बढ़ावा देना, ताकि दुनिया भर में गरीबी कम हो सके।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्य

1. नियामकीय कार्य -

  • आईएमएफ एक नियामक निकाय के रूप में और समझौते के अनुच्छेदों के नियमों के अनुसार कार्य करता है।
  • यह विनिमय दर नीतियों के लिए एक आचार संहिता बनाने और चालू खाते के लेन-देन के लिए भुगतान पर प्रतिबंध लगाने पर भी ध्यान केंद्रित करता  है।

2. वित्तीय कार्य -

  • आईएमएफ सदस्य देशों को अल्पकालिक और मध्यम अवधि के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स (बीओपी) असमानता को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता और संसाधन प्रदान करता है।

3.परामर्शी कार्य -

  • आईएमएफ सदस्य देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक केंद्र है।
  • यह सलाह और तकनीकी सहायता के स्रोत के रूप में भी काम करता है।

IMF की रिपोर्ट

I. वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक -

  • ‘वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक’ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट है। इसका प्रकाशन सामान्यतः वर्ष में दो बार ( अप्रैल तथा अक्टूबर में ) होता है।
  • यह रिपोर्ट निकट एवं मध्यम अवधि के दौरान वैश्विक आर्थिक विकास का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।

II. वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट -

  • वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का एक अर्ध-वार्षिक प्रकाशन है।
  • यह वैश्विक वित्तीय बाजारों की स्थिरता पर विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत करती है।

वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट' किसके द्वारा तैयार की जाती है ?

(a) यूरोपीय सेंट्रल बैंक

(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

(c) पुनर्निर्माण हेतु अंतर्राष्ट्रीय बैंक और विकास

(d) आर्थिक सहयोग के लिये संगठन और विकास

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