हाल ही में, शोधकर्ताओं ने रुशिकोंडा समुद्र तट पर हॉर्न-आइड घोस्ट क्रैब (Horn-Eyed Ghost Crab) के अद्वितीय शिकारी व्यवहार का दस्तावेजीकरण किया।
हॉर्न-आइड घोस्ट क्रैब के बारे में
- यह ओसीपोड (Ocypode) वंश से संबंधित है। इनका पीला शरीर रेत के साथ सहजता से घुल-मिल जाता है तथा सुबह व शाम के समय उनकी तीव्र गति के कारण उनका सामान्य नाम ‘घोस्ट क्रैब’ पड़ा है।
- इसे व्यापक रूप से एक कीस्टोन प्रजाति और तटीय स्वास्थ्य का सूचक माना जाता है। भारतीय तटरेखा पर घोस्ट क्रैब की छह प्रजातियां पाई गई हैं ।
- यह आमतौर पर अंतर्ज्वारीय क्षेत्रों में निवास करता है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र (लाल सागर को छोड़कर) में पूर्वी अफ्रीका के तट से लेकर फिलीपींस तक और जापान से लेकर ग्रेट बैरियर रीफ तक पाया जाता है।
- प्रदूषण, तलछट वितरण में परिवर्तन, समुद्र का बढ़ता तापमान और ज्वारीय पैटर्न में परिवर्तन प्रजातियों को भोजन की तलाश में नए सूक्ष्म आवासों की खोज करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
हॉर्न-आइड घोस्ट क्रैब की विशेषताएँ
- पारंपरिक रूप से इसे अंतर्ज्वारीय खाद्य जाल में एक अपमार्जक के रूप में वर्णित किया गया है। यह रेतीले अंतर्ज्वारीय वातावरण में महत्वपूर्ण पारिस्थितिक भूमिका निभाता है।
- ये क्लैम, घोंघे, कीड़े, आइसोपोड, झींगे और कई तरह के कीड़ों का शिकार करते हैं। ये छोटे हर्मिट केकड़ों सहित अन्य केकड़ों का भी शिकार करते हैं।
- वे अपने भोजन की आदतों और अपने द्वारा बनाए गए गहरे बिलों के माध्यम से छोटे जीवों के वितरण व प्रचुरता को प्रभावित करते हैं।