(प्रारंभिक परीक्षा : योजनाएं एवं कार्यक्रम) |
चर्चा में क्यों
केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद ने राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना और राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत युवाओं के लिए वजीफे में 30% वृद्धि की सिफारिश की।
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (NATS) के बारे में
- क्या है : भारतीय युवाओं को व्यापार संबंधी विषयों में कौशल प्रदान करने के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक।
- प्रारंभ : वर्ष 1968 में प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत।
- नोडल निकाय : उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा।
- लक्ष्य समूह : इंजीनियरिंग स्नातक, डिप्लोमा धारक, और सामान्य विषयों के स्नातक।
- प्रमुख उद्देश्य
- शिक्षित युवाओं को उनके संबंधित क्षेत्रों में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (OJT) प्रदान करना।
- स्नातकों को व्यावसायिक अनुभव के माध्यम से बेहतर रोजगार क्षमता देना।
- तकनीकी शिक्षा प्राप्त स्नातकों, डिप्लोमा धारकों और सामान्य विषयों के स्नातकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देना।
- औद्योगिक प्रशिक्षण व शैक्षणिक ज्ञान के बीच पुल का निर्माण करना।
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) के बारे में
- परिचय : यह योजना युवाओं को कौशल प्रदान करने और उद्योगों को कुशल कार्यबल उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
- प्रारंभ : वर्ष 2016
- नोडल मंत्रालय : कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE)
- लक्ष्य समूह: गैर-तकनीकी व गैर-स्नातक वर्ग सहित सभी अन्य प्रशिक्षु।
- प्रमुख उद्देश्य
- प्रशिक्षुओं को दी जाने वाली स्टाइपेंड में सरकार द्वारा आर्थिक सहायता।
- नियोक्ता को प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने हेतु प्रोत्साहन।
- MSME क्षेत्र पर विशेष ध्यान।
इसे भी जानिए!
केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद के बारे में
प्रमुख कार्य
- नीति निर्माण : शिक्षुता प्रशिक्षण से संबंधित नीतियों के डिजाइन और कार्यान्वयन पर सरकार को सलाह देना।
- मानक निर्धारण : शिक्षुता कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम, मानदंड और मानक निर्धारित करना ताकि एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
- कार्यक्रम नियमन : यह सुनिश्चित करना कि प्रशिक्षण उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।
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