भारत 2026-28 के कार्यकाल के लिए ECOSOC के लिए चुना गया
चर्चा में क्यों?
भारत को 2026-28 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) में चुना गया है।
भारत के चुनाव का महत्व
यह चुनाव वैश्विक आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर भारत की बढ़ती भूमिका और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
1 जनवरी, 2026 से शुरू होने वाले अपने तीन साल के कार्यकाल में, भारत आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय नीतियोंकी सिफारिश करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारत का चुनाव वैश्विक मंच पर विकासशील देशों की आवाज़ को और मजबूत करेगा।
भारत की भूमिका:
ECOSOC में अपनी सदस्यता के दौरान, भारत उन वैश्विक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा जो उसके लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि सतत विकास लक्ष्य (SDGs), गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और शिक्षा।
भारत वैश्विक संवाद को आकार देने और समावेशी तथा टिकाऊ विकास के लिए समाधान खोजने में सक्रिय रूप से योगदान देगा।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) :
ECOSOC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है।
स्थापना: वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत
मुख्यालय: न्यूयॉर्क, अमेरिका
यह सतत विकास के तीन आयामों - आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय - को बढ़ावा देने और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के केंद्र में रहकर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम करता है।
इसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना और नीतियों पर चर्चा करना है।
ECOSOC की संरचना और सदस्यता
सदस्यता: ECOSOC में कुल 54 सदस्यहोते हैं।
चुनाव: इन सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुना जाता है।
कार्यकाल: प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्षका होता है।
पुनर्नवीनीकरण: हर साल, एक तिहाई सदस्य पदमुक्त होते हैं, और उनके स्थान पर नए सदस्यों का चुनाव किया जाता है।
सदस्यता भौगोलिक प्रतिनिधित्व के आधार पर तय होती है:
अफ्रीका: 14 सदस्य
एशिया-प्रशांत: 11 सदस्य
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन: 10 सदस्य
पश्चिमी यूरोप और अन्य: 13 सदस्य
पूर्वी यूरोप: 6 सदस्य
प्रश्न. भारत को किस अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) का सदस्य चुना गया है?