चर्चा में क्यों?
भारत ने हाल ही में पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL) को सार्वजनिक रूप से लॉन्च किया है।

प्रमुख बिंदु:
- यह विश्व का पहला ऐसा डिजिटल मंच है, जो पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से संरक्षित और सुलभ बनाता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस प्रयास को वैश्विक स्वास्थ्य सेवा नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना है।
TKDL: क्या है यह पहल?
- यह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की एक संयुक्त परियोजना है।
- यह डिजिटल लाइब्रेरी भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे:
- आयुर्वेद
- सिद्ध
- यूनानी
- होम्योपैथी
- सोवा-रिग्पा की प्राचीन जानकारियों को वैज्ञानिक ढंग से दस्तावेजित और वर्गीकृत करती है।
प्रमुख उद्देश्य
- पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण एवं संवर्धन
- बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा - जैसे जैव-चोरी को रोकना
- आधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देना
- पारंपरिक चिकित्सा का डिजिटल अनुवाद और वैश्विक स्तर पर उपयोग
- वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में भारत की चिकित्सा विरासत का एकीकरण
TKDL की विशेषताएँ
- AI आधारित वर्गीकरण और अनुवाद
- TKDL में पुराने ग्रंथों को पाँच अंतरराष्ट्रीय भाषाओं (जैसे अंग्रेज़ी, जर्मन, फ्रेंच आदि) में अनुवादित किया गया है।
- आधुनिक तकनीक से व्याख्या
- मशीन लर्निंग, नाड़ी विश्लेषण, जीभ परीक्षण, तथा आयुर्जेनोमिक्स जैसे क्षेत्र TKDL के अंतर्गत वैज्ञानिक विश्लेषण पा रहे हैं।
- वैश्विक पेटेंट कार्यालयों से मान्यता प्राप्त
- विश्व के प्रमुख पेटेंट कार्यालय TKDL का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करते हैं कि कोई भी पारंपरिक ज्ञान का गलत उपयोग कर पेटेंट न कर सके।
प्रश्न. भारत ने किस प्रकार की पहली डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की है जो पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान को संरक्षित करती है?
(a) डिजिटल चिकित्सा रिकॉर्ड
(b) आधुनिक औषधि डेटाबेस
(c) पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL)
(d) WHO औषधि रजिस्ट्र
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