चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स ने एक सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

प्रमुख बिंदु:
- यह साझेदारी SEMICON Southeast Asia 2025 जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम के दौरान घोषित की गई।
- इसमें सेमीकंडक्टर क्षेत्र के शीर्ष विशेषज्ञ और नवोन्मेषक एकत्रित हुए।
सेमीकंडक्टर अनुसंधान के लिए उन्नत ढांचा
- इस समझौते का मुख्य उद्देश्य सेमीकंडक्टर तकनीक में सहयोगात्मक अनुसंधान और मानव संसाधन विकास को प्रोत्साहित करना है।
- दोनों संस्थान निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान को गति देंगे:
- पोस्ट-CMOS (Complementary Metal-Oxide-Semiconductor) तकनीकें
- उन्नत ट्रांजिस्टर आर्किटेक्चर
- हेटेरोजीनियस इंटीग्रेशन और चिप पैकेजिंग
- AI-आधारित हार्डवेयर एक्सेलेरेटर
- क्वांटम डिवाइसेज़ और फोटॉनिक सिस्टम्स
- थर्मल प्रबंधन और विश्वसनीयता परीक्षण
- यह बहु-विषयक दृष्टिकोण तकनीकी नवाचारों को केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि उसे औद्योगिक और व्यावसायिक स्तर तक पहुंचाने में सहायक होगा।
मानव संसाधन विकास के लिए प्रमुख पहलें
- अनुसंधान के साथ-साथ यह साझेदारी भविष्य के सेमीकंडक्टर पेशेवरों को प्रशिक्षित करने हेतु विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत भी करेगी, जिनमें शामिल हैं:
- अनुसंधानकर्ताओं और छात्रों के लिए द्विपक्षीय आदान-प्रदान कार्यक्रम
- नवीनतम तकनीकों पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशालाएं
- संयुक्त संगोष्ठियाँ और शैक्षणिक सत्र
- इन पहलों का लक्ष्य एक ऐसा वैश्विक टैलेंट पूल तैयार करना है, जो जटिल तकनीकी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो।
संस्थानों के बारे में:
- IIT खड़गपुर (स्थापना: 1951):
- भारत के अग्रणी विज्ञान संस्थानों में शामिल, जो माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और मटेरियल रिसर्च में अग्रणी है।
- यह संस्थान “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” जैसी पहलों में अहम भूमिका निभा रहा है।
- IME, सिंगापुर:
- A*STAR के अंतर्गत कार्यरत यह संस्थान दक्षिण-पूर्व एशिया में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान का प्रमुख केंद्र है।
- यह सिंगापुर को सेमीकंडक्टर इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने में सहायक रहा है।
सेमीकंडक्टर के बारे में:
- सेमीकंडक्टर ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी विद्युत चालकता चालक और अचालक के बीच होती है।
- ये सामान्यतः कमरे के तापमान पर सीमित मात्रा में विद्युत धारा का संचालन करते हैं।
- उदाहरण:
- सिलिकॉन
- जर्मेनियम
- गैलियम आर्सेनाइड
सेमीकंडक्टर का उपयोग:
- प्रमुख उपयोग:
- ट्रांजिस्टर
- डायोड
- इंटीग्रेटेड सर्किट (ICs)
- कंप्यूटर चिप्स
- मोबाइल, टीवी, LED, सोलर सेल इत्यादि
भारत में सेमीकंडक्टर का विकास
- सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission - ISM):
- भारत सरकार द्वारा 2021 में शुरू की गई ₹76,000 करोड़ की योजना।
- उद्देश्य: भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को प्रोत्साहन देना।
- ‘Make in India’ और आत्मनिर्भर भारत:
- देश में चिप निर्माण को बढ़ावा देने हेतु कई विदेशी व घरेलू कंपनियों के साथ समझौते।
प्रमुख निर्माता देश:
- ताइवान (TSMC)
- दक्षिण कोरिया (Samsung)
- अमेरिका (Intel, NVIDIA)
- चीन
प्रश्न: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर और किस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए?
(a) MIT, USA
(b) Institute of Microelectronics (IME), Singapore
(c) National University of Singapore
(d) Tokyo Institute of Technology
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