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इंडिया टीबी रिपोर्ट-2024

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, टीबी, इंडिया टीबी रिपोर्ट, इंडिया टीबी रिपोर्ट-2024
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 (स्वास्थ्य)

संदर्भ: 

27 मार्च 2024 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘भारत टीबी रिपोर्ट 2024 जारी की। इसके अनुसार, भारत में टीबी के अनुमानित और वास्तविक मामलों के बीच अंतर कम हो रहा है।

India-TB-Report-2024

 भारत टीबी रिपोर्ट 2024:

  • वर्ष 2023 में केवल 2.3 लाख अज्ञात मामले थे, जबकि वर्ष 2022 यह संख्या 3.2 लाख थी।

अज्ञात मामले (missing case):

  • यह टीबी मामलों की अनुमानित संख्या और रिपोर्ट किए गए मामलों की वास्तविक संख्या के बीच अंतर को प्रदर्शित करता है। 
  • अज्ञात मामलों की संख्या में कमी का अर्थ है कि टीबी मामलों की अधिक पहचान और रिपोर्ट की जा रही है।
    • इससे प्रभावित व्यक्तियों का उचित उपचार और देखभाल करने में सहायता मिलती है।
  • सरकार के नि-क्षय पोर्टल द्वारा सभी टीबी रोगियों की निगरानी के कारण यह अंतर पिछले कुछ वर्षों से कम हो रहा है।
  • टीबी के अधिकांश मामले अभी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा रिपोर्ट किए जाते हैं;
    • निजी क्षेत्र द्वारा किए जाने वाले रिपोर्टों में भी वृद्धि हुई है। 
    • वर्ष 2023 में टीबी के 25.5 लाख मामलों में से लगभग 33% (8.4 लाख) मामले निजी क्षेत्र द्वारा रिपोर्ट किए गए। 
    • वर्ष 2015 में निजी क्षेत्र द्वारा केवल 1.9 लाख मामले रिपोर्ट किए गए थे।
  • वर्ष 2023 में टीबी के अनुमानित मामले वर्ष 2022 के 27.4 लाख के अनुमान से थोड़ा बढ़कर 27.8 लाख हो गए।
  • संक्रमण से मृत्यु दर 3.2 लाख पर ही बरकरार है। 
  • ये अनुमान एक नई पद्धति इन-कंट्री मॉडल पर आधारित हैं; 

इन-कंट्री मॉडल

  • यह भारत टीबी के मामलों के प्रसार को ट्रैक करने वाला एक परिष्कृत गणितीय मॉडल है।
  • इसका विकास भारत ने किया है और ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
  • WHO ने भी इसे मान्यता प्रदान कर दी है।
  • यह बीमारी के प्राकृतिक इतिहास, संक्रमण के व्यक्तिगत मामलों, स्वास्थ्य देखभाल, उपचार कवरेज और परिणाम पर आधारित है।

भारत टीबी रिपोर्ट:

  • यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जाने वाला एक वार्षिक रिपोर्ट है। 
  • यह भारत में टीबी की स्थिति पर प्रमुख डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। 
  • यह राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति की निगरानी करता है। 

भारत में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य:

  • केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत से  टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।इसके लिए निम्नलिखित कार्य किए जा रहे हैं;
    • सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान प्रारंभ किया गया।
      • इसने टीबी को सार्वजनिक चर्चा का विषय बनाया है, जिससे लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता उत्पन्न हुई है।
  • सरकारी कार्यक्रम के तहत टीबी रोगियों को सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त जांच, मुफ्त इलाज, टेस्ट और मुफ्त दवाएं दी जाती हैं।
  • केंद्र सरकार ‘निक्षय पोषण योजना’ के तहत टीबी रोग का इलाज करा रहे लोगों को पोषण के लिए वित्तीय सहायता भी देती है।
  • जांच प्रक्रिया में तेजी;
    • प्रारंभिक चरणों में रोगियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है; क्योंकि
      • रोगियों की पहचान की जा रही है और उन्हें उपचार दिया जा रहा है।
      • यह संक्रमण चक्र को तोड़ने में मदद करेगा।
      • टीबी एक संक्रामक रोग है, इसलिए रोग को फैलने से रोकने के लिए संक्रमण चक्र को तोड़ना महत्वपूर्ण है।
  • WHO द्वारा प्रकाशित वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में टीबी के मामलों की दर वर्ष 2015 के 237 प्रति 100,000 जनसंख्या से 16% घटकर वर्ष 2022 में 199 प्रति 100,000 जनसंख्या हो गई है।
  • इसी अवधि के दौरान टीबी से मृत्यु दर 2015 के 28 प्रति 100,000 जनसंख्या से 18% घटकर 2022 में 23 प्रति 100,000 जनसंख्या हो गई है।

टीबी के मामलों में सुधार के अन्य कारण:

  • टीबी मामलों में सुधार के लिए निम्नलिखित कारकों को उत्तरदायी माना जा सकता है;
    • बढ़ती जागरूकता
    • बेहतर उपचार सुविधाएं 
    • सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच बढ़ता सहयोग।

ट्यूबरक्लोसिस(TB):

  • इसे तपेदिक भी कहा जाता है।
  • यह एक गंभीर श्वसन रोग है।
  • यह बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है।
    • माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण।
  • इसमें फेफड़ों में संक्रमण होता है। 
  • इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के खांसने-छींकने से निकली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति के भी संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • लक्षण:
    • संक्रमण की प्रारंभिक स्थिति में अधिकांश लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। 
    • कुछ लोगों में फ्लू जैसी समस्या हो जाती है, जिसके कारण हल्का बुखार, थकान और खांसी होती है। 
    • संक्रमण बढ़ने की स्थिति में खांसी के साथ बलगम आने, सांस लेने या खांसने के साथ दर्द होने, बुखार-ठंड लगने, रात में पसीना आने की समस्या देखी जाती है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: ट्यूबरक्लोसिस के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह एक गंभीर श्वसन रोग है।
  2. यह बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है।
  3. इसमें फेफड़ों में संक्रमण होता है। 

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: भारत टीबी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत में टीबी के अनुमानित और वास्तविक मामलों के बीच अंतर कम हो रहा है। इसके प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिए।

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