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भारतीय वायु रक्षा पहचान क्षेत्र

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ एवं मंच- उनकी संरचना, अधिदेश; विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश)

संदर्भ 

ब्रिटिश लड़ाकू जेट विमान F-35B को भारतीय ‘वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (Air Defence Identification Zone: ADIZ)’ के बाहर अपनी नियमित उड़ान के दौरान ईंधन की कमी के कारण तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।

भारतीय वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) के बारे में

  • यह एक निर्दिष्ट क्षेत्र है जहाँ विमानों को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय के अनुलग्नक 15 के अनुसार हवाई यातायात सेवाओं के लिए सामान्य रूप से आवश्यक विशेष पहचान एवं रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं के अलावा अन्य प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक होता है।
    • अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) का अनुलग्नक 15 ‘वैमानिकी सूचना सेवा’ से संबंधित है। 
    • यह अनुलग्नक अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन के लिए आवश्यक वैमानिकी सूचना एवं डाटा के प्रावधान में एकरूपता व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
  • यह किसी देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले विमानों का शीघ्र पता लगाने और उन पर नज़र रखने की सुविधा प्रदान करके सुरक्षा बढ़ाने का एक सक्रिय उपाय है।

भारतीय ए.डी.आई.जेड.

  • भारत ने 20वीं सदी के मध्य में अपने ए.डी.आई.जेड. की स्थापना की थी। 
  • ये भारत के स्थलीय क्षेत्र, प्रादेशिक जल एवं उससे आगे के जल क्षेत्र को कवर करते हैं।
  • वर्तमान में भारत में कुल 6 ए.डी.आई.जेड. हैं-
    1. पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास
    2. नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट
    3. चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर
    4. बांग्लादेश, भूटान एवं म्यांमार के साथ पूर्वी सीमा
    5. भारत के दक्षिणी क्षेत्र में दो (अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी पर) 

प्रवर्तन

  • भारतीय वायुसेना अपने रडार, कमांड एवं नियंत्रण प्रणालियों तथा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के नेटवर्क के माध्यम से ए.डी.आई.जेड. को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  • नागरिक विमानन प्राधिकरण भी विमानों को वायु रक्षा मंजूरी (ADC) संख्या प्रदान करके इस प्रक्रिया में सहायता करते हैं।

भारतीय ए.डी.आई.ज़ेड. में प्रवेश प्रक्रिया नियम

  • भारतीय ए.डी.आई.ज़ेड. में प्रवेश करने वाले विमानों को प्रवेश से 10 मिनट पहले सूचना देना आवश्यक है।
  • यदि 45 मिनट या उससे अधिक की देरी होती है तो नई ए.डी.सी. संख्या की आवश्यकता होती है। 
  • आमतौर पर विमानों को ए.डी.आई.ज़ेड. में प्रवेश करने से पहले संबंधित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) इकाई से सकारात्मक मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
  • नागरिक विमानों को भी कुछ उपकरण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना पड़ सकता है, जैसे- कोडित रडार बीकन ट्रांसपोंडर। 

F-35B जेट विमान के बारे में

  • F-35B जेट विमान पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है जो अपनी शॉर्ट टेक-ऑफ एवं वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध है।
  • रोल्स-रॉयस लिफ्ट सिस्टम के साथ एक प्रैट एंड व्हिटनी F135 इंजन द्वारा संचालित यह जेट विमान छोटे रनवे पर लंबवत रूप से मंडरा/उतर सकता है।
    • यह एक आवश्यक विशेषता है जब खराब मौसम या विषम समुद्री परिस्थितियों के कारण वाहक लैंडिंग जोखिमपूर्ण हो जाती है। 
  • अपने कम रडार सिग्नेचर, सुपरसोनिक गति एवं अत्याधुनिक सेंसर फ्यूजन के साथ यह विमान बेजोड़ स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करता है।
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