6 जून, 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘भारतीय भाषा अनुभाग’(Indian Languages Section) की औपचारिक शुरुआत की। यह अनुभाग भारत की भाषायी विविधता को सशक्त बनाकर प्रशासन को विदेशी भाषाओं के प्रभाव से मुक्त कराने की दिशा में एक संगठित मंच प्रदान करेगा।
अभी तक केंद्र एवं गैर-हिंदी भाषी राज्यों के बीच तथा गैर-हिंदी भाषी राज्यों के बीच आपस में आसान व तेज आधिकारिक संचार तथा फाइल कार्य के लिए अंग्रेजी का प्रयोग किया जाता था।
भारतीय भाषा अनुभाग
स्थापना : गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के अंतर्गत
उद्देश्य : भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और मातृभाषा में सोच, विश्लेषण व निर्णय प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना।
लक्ष्य : सरकार की 'उपनिवेशवाद मुक्ति' परियोजना को जारी रखना, आधिकारिक संचार में अंग्रेजी की भूमिका को समाप्त करना और प्रशासन को विदेशी भाषाओं के प्रभाव से मुक्त करना
कार्य : विभिन्न भारतीय भाषाओं विशेष रूप से हिंदी व अन्य भाषाओं के बीच में अनुवाद की सुविधा प्रदान करना।
उदाहरण के लिए, तमिलनाडु जैसे राज्यों से तमिल में आए पत्र का जवाब तमिल में देना।
बजट : वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसके लिए 56 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
तकनीकी सहयोग : सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) की मदद से अनुवाद मंच विकसित किया जा रहा है।
प्रभाव : यह क्षेत्रीय भाषाओं को केंद्र स्तर पर लाने और केंद्र-राज्य संचार को समावेशी बनाने में मदद करेगा।