New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

भारतीय न्यूट्रिनो वेधशाला

चर्चा में क्यों

हाल ही में, तमिलनाडु ने उच्चतम न्यायालय में यह स्पष्ट किया है कि थेनी ज़िले के बोडी वेस्ट हिल्स के पोट्टीपुरम गांव में प्रस्तावित भारतीय न्यूट्रिनो वेधशाला (INO) के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे पश्चिमी घाट के संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान हो सकता है।

प्रमुख  बिंदु

  • तमिलनाडु सरकार के अनुसार इस परियोजना को मंजूरी दिये जाने से पश्चिमी घाट के संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्र में वन्यजीव और जैव विविधता को गंभीर नुकसान हो सकताहै।
  • इस प्रस्तावित परियोजना में सुरंग बनाने हेतु चट्टानों को तोड़ने के लिये भारी मात्रा में उच्च शक्ति वाले विस्फोटकों का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा, सुरंग बनाने के लिये 6,00,000 क्यूबिक मीटर चार्नोकाइट चट्टान (Charnockite Rock) की खुदाई भी की जाएगी।

पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव 

  • यह परियोजना केरल के मथिकेत्तन शोला राष्ट्रीय उद्यान से 4.9 किमी. की दूरी पर स्थित होगी, जो पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण स्थल है। इस क्षेत्र में कई पहाड़ी ढलान हैं जो हाथियों और बाघ गलियारों के रूप में कार्य करते हैं।
  • प्रस्तावित परियोजना क्षेत्र केरल में पेरियार टाइगर रिजर्व को श्रीविल्लीपुथुर मेघमलाई टाइगर रिज़र्व से जोड़ता है।
  • विदित है कि पश्चिमी घाट को एक वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट माना जाता है जो वनस्पतियों और जीवों की कई स्थानिक प्रजातियों को आश्रय देता है। 
  • इस प्रकार, यह परियोजना संरक्षित क्षेत्र के वनस्पतियों और वन्य जीवों को व्यापक रूप से प्रभावित करेगी, जो इसे भारी पर्यावरणीय लागत वाली परियोजना बना देगी।

भारतीय न्यूट्रिनो वेधशाला

  • इस प्रस्तावित परियोजना के अंतर्गत वायुमंडलीय न्यूट्रिनो का पता लगाने के लिये 50 किलोटन के चुंबकीय लौह कैलोरीमीटर डिटेक्टर की योजना बनाई गई है, जिसके लिये भूमिगत प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा।
  • ध्यातव्य है कि न्यूट्रिनो ब्रह्मांड के विकास और सूर्य एवं अन्य तारों में ऊर्जा उत्पादन को समझने की कुंजी हैं।
  • प्रारंभ में यह परियोजना तमिलनाडु के नीलगिरी ज़िले में प्रस्तावित थी, लेकिन व्यापक सार्वजनिक विरोध के बाद इसे थेनी ज़िले में स्थानांतरित करने का निश्चय किया गया।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR