(प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय अर्थव्यवस्था) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय) |
संदर्भ
भारतीय रुपया भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विकास का प्रतीक है, जो सदियों में बदलाव के साथ देश की प्रगति को दर्शाता है। वर्ष 2025 में भारत अपनी 79वीं स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और रुपया देश की मजबूती व विकास का प्रतीक बना हुआ है।
भारतीय रुपया: एक अवलोकन
- ‘रुपया’ शब्द संस्कृत के ‘रूप्य’ (चांदी का सिक्का) से आया है। यह भारत की आधिकारिक मुद्रा है, जिसका प्रबंधन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) करता है।
- भारतीय रुपए के प्रतीक ‘₹’ को वर्ष 2010 में प्रस्तुत किया गया, जो लैटिन ‘R’ और देवनागरी ‘र’ का संयोजन है। इसका डिजाइन तमिलनाडु के उदय कुमार धर्मलिंगम ने तैयार किया था।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- प्राचीन काल
- पाणिनि के ग्रंथों (5वीं सदी ईसा पूर्व) में रूप्य को चांदी के सिक्के के रूप में उल्लेखित किया गया।
- 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में महाजनपदों (गंधार, कुरु, मगध आदि) ने अलग-अलग प्रतीकों (जैसे- बैल, स्वास्तिक) के साथ चांदी के सिक्के जारी किए।
- चाणक्य के अर्थशास्त्र में मौर्यकालीन सिक्कों का उल्लेख है: रूप्यरूप (चांदी), सुवर्णरूप (सोना), ताम्ररूप (तांबा) और सीसारूप (सीसा)।
- मध्यकाल
- शेर शाह सूरी (1540–1545) ने 11.5 ग्राम के चांदी के रुपिया को मानकीकृत किया, जो भारत की विरासत को दर्शाता था।
- मुगल, मराठा एवं शुरुआती ब्रिटिश काल में रुपिया प्रमुख मुद्रा रहा, भले ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने स्टर्लिंग पाउंड लाने की कोशिश की।
- आधुनिक काल
- वर्ष 1671 तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने रुपिया शैली में सिक्के ढालने शुरू किए किंतु भिन्न क्षेत्रों में इसका मूल्य भिन्न-भिन्न था।
- वर्ष 1861 के पेपर करेंसी एक्ट ने रुपए को मानकीकृत किया, जिसमें 1 रुपया = 16 आना, 1 आना = 4 पैसे और कुल 64 पैसे प्रति रुपया मानकीकृत हुआ।
- हिंदोस्तान बैंक (Bank Of Hindostan) (1770–1832) जैसे निजी बैंकों ने शुरुआती कागजी मुद्रा जारी की, जिसे बाद में बैंक ऑफ इंग्लैंड ने नियंत्रित किया।
- विक्टोरिया पोर्ट्रेट श्रृंखला (1860) में रानी विक्टोरिया की छवि थी, जिसे वर्ष 1867 में नकली नोटों के कारण अंडरप्रिंट श्रृंखला से बदल दिया गया।
- वर्ष 1923 में किंग्स पोर्ट्रेट श्रृंखला (जॉर्ज V) शुरू हुई।
- वर्ष 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना हुई, जिसने वर्ष 1938 में जॉर्ज VI के चित्र के साथ 5 रूपए (Rs 5) का नोट जारी किया।
- स्वतंत्रता के बाद
- वर्ष 1947 के बाद भारत ने कुछ वर्षों तक पुरानी मुद्रा का उपयोग किया, जिसमें 1 रुपया = 16 आना, 1 आना = 4 पैसे और 1 पैसा = 3 पाई।
- वर्ष 1957 में दशमलव प्रणाली (1 रुपया = 100 नया पैसा) अपनाई गई, वर्ष 1964 में ‘नया’ शब्द हटाया गया।
- वर्ष 1969 से महात्मा गांधी की तस्वीर 2 रूपए और उससे अधिक के नोटों पर छपी तथा वर्ष 1996 में 10 रूपए व 500 रूपए के नोटों पर।
- स्टेनलेस स्टील के सिक्के (50 पैसे, ₹1, ₹2, ₹5) 20वीं सदी के अंत में पेश किए गए।
रुपये का नियमन
- 1935 में स्थापित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपए के मुद्रण एवं प्रबंधन को नियंत्रित करता है।
- RBI मौद्रिक नीति का निर्माण करता है, मुद्रा स्थिरता सुनिश्चित करता है और संचलन को नियंत्रित करता है।
- वर्ष 2022 में RBI ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या ई-रुपया की शुरूआत की जिसके लिए सीमा-पार उपयोग के पायलट प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
विभिन्न प्रकार
- सिक्के : वर्तमान मूल्यवर्ग में ₹1, ₹2, ₹5, ₹10 और ₹20 शामिल हैं, जो स्टेनलेस स्टील और बाइमेटालिक मिश्र धातुओं से बने हैं।
- नोट : वर्तमान मूल्यवर्ग में ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200 और ₹500 शामिल हैं, जिनमें महात्मा गांधी व सांस्कृतिक प्रतीक हैं।
- ₹2000 का भी नोट है जिसे चलन से बाहर किया जा रहा है।
- डिजिटल मुद्रा : ई-रुपया, ब्लॉकचेन-आधारित डिजिटल मुद्रा, खुदरा और थोक लेनदेन के लिए पायलट चरण में है।
मुद्रण
नोट छापने वाले प्रेस (Currency Printing Presses)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की निगरानी में दो प्रमुख संस्थाएं नोट छापती हैं:
a. भारत प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (Security Printing and Minting Corporation of India: SPMCIL): सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है जो निम्नलिखित दो स्थानों पर नोट छापती है:
- नासिक, महाराष्ट्र
- देवास, मध्य प्रदेश
b. भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL): यह RBI की सहायक कंपनी है, जो दो स्थानों पर नोट छापती है:
- मैसूर, कर्नाटक
- सालबोनी, पश्चिम बंगाल
टकसालें (Mints): सिक्कों का निर्माण निम्नलिखित चार स्थानों पर होता है:
- मुंबई (महाराष्ट्र)
- हैदराबाद (तेलंगाना)
- कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
- नोएडा (उत्तर प्रदेश)
हस्ताक्षर
- बैंक नोट (Currency Notes): सभी भारतीय बैंक नोटों पर भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। उदाहरण: ₹10, ₹50, ₹100, ₹200, ₹500, ₹2000 इत्यादि सभी नोटों पर RBI के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं।
- एक रुपये का नोट (₹1 Note): ₹1 का नोट भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है, न कि RBI द्वारा। इसलिए ₹1 नोट पर वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी (आमतौर पर वित्त सचिव) के हस्ताक्षर होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी परिवर्तनीयता
- रुपया आंशिक रूप से परिवर्तनीय है, 1994 से चालू खाता (व्यापार, सेवाएँ) पर पूर्ण परिवर्तनीयता के साथ।
- रुपए की पूंजी खाता परिवर्तनीयता प्रतिबंधित है, जिसमें विदेशी निवेश और पूंजी प्रवाह पर नियंत्रण है।
- रुपए की विनिमय दर बाजार-आधारित है किंतु RBI अस्थिरता को कम करने के लिए इसे प्रबंधित करता है।
- भारत ई-रुपया के माध्यम से सीमा-पार लेनदेन को बढ़ाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट्स की खोज कर रहा है।