प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद में स्काईरूट एयरोस्पेस के ‘इन्फिनिटी कैंपस’ का उद्घाटन करते हुए भारत के पहले निजी ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल विक्रम-I का अनावरण किया।

विक्रम-I लॉन्च व्हीकल के बारे में
- यह एक निजी ऑर्बिटल लॉन्च वाहन है जो लगभग 300 किलोग्राम पेलोड को निम्न-भू-कक्षा
- (160 से 2,000 किमी.) में स्थापित कर सकता है।
- इसका कार्बन-फाइबर आधारित हल्का व मजबूत ढांचा इसे तेज़, कुशल एवं प्रतिस्पर्धी बनाता है।
- यह बहु-उपग्रह प्रक्षेपण (Multi-satellite Insertion) करने में सक्षम है जो भारतीय निजी क्षेत्र के लिए पहली उपलब्धि है।
- कंपनी के अनुसार, इसे 24 घंटे के भीतर किसी भी लॉन्च साइट से असेंबल एवं लॉन्च किया जा सकता है।
मुख्य विशेषताएँ

- 300 किलोग्राम पेलोड क्षमता
- ऑल-कार्बन-फाइबर बॉडी
- मल्टी-ऑर्बिट और मल्टी-सैटेलाइट क्षमता
- 24 घंटे में तेजी से असेंबली व लॉन्च
- अंतरग्रहीय मिशन की संभावनाएँ
महत्त्व
- भारत को $77 बिलियन के छोटे उपग्रह बाजार (2030 तक अनुमानित) में बड़ी भूमिका मिलेगी।
- विदेशी ग्राहकों के लिए भी लॉन्च सेवाएँ उपलब्ध कराने की क्षमता बढ़ेगी।
- निजी क्षेत्र की तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- स्पेस मिशनों की लागत घटेगी, प्रतिस्पर्धा एवं दक्षता बढ़ेगी।
- भारत का वैश्विक लांच हब बनने का उद्देश्य और मजबूत होगा।
|
स्काईरूट एयरोस्पेस का ‘इन्फिनिटी कैंपस’
- हैदराबाद में स्थित यह 2 लाख वर्ग फुट का अत्याधुनिक परिसर है।
- यह लॉन्च वाहन के एंड-टू-एंड विकास, परीक्षण और इंटीग्रेशन की सुविधा देता है।
- क्षमता: प्रति माह एक ऑर्बिटल रॉकेट तैयार करने की क्षमता।
- भारत को वैश्विक सैटेलाइट लॉन्च इकोसिस्टम में अग्रणी बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
|