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NATGRID व NPR का एकीकरण

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका, विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश)

संदर्भ 

भारत सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को अभेद्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के साथ एकीकृत कर दिया है। इस समन्वय से सुरक्षा एजेंसियों को देश के लगभग 119 करोड़ निवासियों के परिवार-वार डेटा तक सीधी पहुंच प्राप्त होगी। 

राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) के बारे में 

  • नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड भारत में कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों की सहायता के लिए विकसित एक सुरक्षित, केंद्रीकृत व एकीकृत डेटा-साझाकरण प्रणाली है। 
  • 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद इसकी परिकल्पना की गई थी, जिसका उद्देश्य जांच एजेंसियों को त्वरित सूचना उपलब्ध कराकर जांच और खुफिया संग्रह की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना है।
  • हाल के वर्षों में शुरू किए गए NATGRID के तहत बैंकिंग लेनदेन, दूरसंचार रिकॉर्ड, यात्रा संबंधी विवरण, वाहन पंजीकरण और पहचान दस्तावेजों जैसे विभिन्न डेटाबेस को आपस में जोड़ा गया है। 
  • शुरुआत में इसकी पहुँच केवल कुछ केंद्रीय एजेंसियों तक सीमित थी किंतु अब इसे राज्य पुलिस बलों तक भी विस्तारित कर दिया गया है, विशेष रूप से पुलिस अधीक्षक स्तर और उससे ऊपर के अधिकारियों के लिए।
  • इसका उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच सूचना प्रवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करना और आतंकवाद, संगठित अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी तथा अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क से निपटने में बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है। 

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर भारत में रहने वाले व्यक्तियों का एक व्यापक डेटाबेस है जिसमें जनसांख्यिकीय और परिवार-वार जानकारी शामिल होती है। 
  • इसे पहली बार 2011 की जनगणना के दौरान तैयार किया गया था और 2015 में घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण के माध्यम से इसे अद्यतन किया गया।
  • NPR में नाम, आयु, लिंग, पता एवं पारिवारिक संबंधों जैसी जानकारियां दर्ज होती हैं। इसे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के निर्माण की दिशा में पहला कदम माना जाता है।  

NATGRID एवं NPR के एकीकरण का महत्त्व 

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा NATGRID को NPR से जोड़ने के बाद अधिकृत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग 119 करोड़ लोगों के परिवार-आधारित विवरणों तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगी। 
  • इस एकीकरण से जांच एजेंसियों को आपराधिक और आतंकवाद से जुड़े मामलों में रिश्तों, पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं पहचान से संबंधित कड़ियों का पता लगाने में सहायता मिलेगी।
  • यदि किसी संदिग्ध की तस्वीर या पहचान संबंधी जानकारी उपलब्ध हो, तो प्रणाली दूरसंचार केवाईसी, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण और यात्रा रिकॉर्ड जैसे डेटाबेस से उसका मिलान कर सकती है जिससे जांच की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
  • NATGRID पर की जाने वाली प्रत्येक सूचना-खोज को गैर-संवेदनशील, संवेदनशील एवं अत्यधिक संवेदनशील श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। 
  • वित्तीय रिकॉर्ड, कर संबंधी विवरण और बैंकिंग जानकारी अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में आती है जिन तक पहुँच के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधान लागू किए गए हैं। 
  • सरकार ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे खुफिया-आधारित पुलिसिंग और आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए NATGRID का व्यापक उपयोग करें। 

आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्व

  • NATGRID एवं NPR का एकीकरण भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सत्यापित जनसांख्यिकीय और संबंधपरक डेटा तक वास्तविक समय में पहुंच मिलने से सुरक्षा एजेंसियां संदिग्धों की पहचान, संगठित अपराध नेटवर्क को तोड़ने और आतंकवाद के वित्तपोषण पर प्रभावी निगरानी रखने में अधिक सक्षम होंगी।
  • यह पहल केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच विशेषकर आतंकवाद रोधी अभियानों, मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण और वित्तीय अपराधों की जांच में बेहतर तालमेल को भी बढ़ावा देती है। 

निजता एवं नागरिक स्वतंत्रताओं से जुड़ी चिंताएँ 

  • हालाँकि, सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसके लाभ स्पष्ट हैं किंतु NATGRID एवं NPR के जुड़ाव से डेटा गोपनीयता और संभावित दुरुपयोग को लेकर सवाल भी उठे हैं। 
  • चूंकि एजेंसियां कई मामलों में बिना एफ.आई.आर. दर्ज किए भी बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बना सकती हैं किंतु आलोचकों का मानना है कि इससे प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय कमजोर पड़ सकते हैं। 
  • भारत में अभी तक पूरी तरह लागू और व्यापक डेटा संरक्षण कानून का अभाव है जिससे सहमति, आनुपातिकता एवं शिकायत निवारण जैसे मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। 
  • सरकार का कहना है कि सख्त पहुंच नियंत्रण, ऑडिट ट्रेल एवं बहु-स्तरीय अनुमोदन जैसी व्यवस्थाएं मौजूद हैं किंतु यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा व व्यक्तिगत अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। 

आगे की राह

राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यक्तिगत निजता के बीच संतुलन बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। भविष्य में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए NATGRID के उपयोग को स्पष्ट जवाबदेही तंत्र, संसदीय निगरानी और एक मजबूत डेटा संरक्षण ढांचे के भीतर लाना अनिवार्य होगा। भारत की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखते हुए सुरक्षा हेतु तकनीक का उपयोग कितनी बुद्धिमत्ता से करता है।  

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