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इज़राइल ने लॉन्च किया अपना सबसे उन्नत संचार उपग्रह ‘ड्रोर-1’

चर्चा में क्यों ?

  • 13 जुलाई 2025 को, इज़राइल ने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट की सहायता से अमेरिका के केप कैनावेरल से ड्रोर-1 संचार उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। 
  • यह उपग्रह इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा विकसित किया गया है और इसे देश का सबसे उन्नत संचार उपग्रह माना जा रहा है।

पृष्ठभूमि और विकास

  • इज़राइल का अंतरिक्ष कार्यक्रम 1988 में ओफेक-1 से शुरू हुआ था।
  • ड्रोर-1 उसी श्रृंखला की नवीनतम कड़ी है, जिसका उद्देश्य उपग्रह संचार में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
  • IAI और स्पेसएक्स के बीच यह साझेदारी, इज़राइल की अंतरिक्ष क्षमताओं और निजी कंपनियों के सहयोग का एक उदाहरण है।

उद्देश्य और रणनीतिक लक्ष्य

  • ड्रोर-1 अगले 15 वर्षों तक इज़राइल का प्रमुख संचार उपग्रह रहेगा।
  • यह सैन्य, सरकारी और नागरिक उपयोगों के लिए सुरक्षित संचार प्रदान करेगा।
  • उपग्रह की मदद से इज़राइल की रणनीतिक स्वतंत्रता बढ़ेगी और विदेशी सेवा प्रदाताओं पर निर्भरता घटेगी।

ड्रोर-1 की प्रमुख विशेषताएँ

विशेषता

विवरण

कुल वज़न

4.5 टन

लंबाई (सौर पैनल सहित)

17.8 मीटर

प्रमुख एंटेना

दो (प्रत्येक 2.8 मीटर चौड़े) – अब तक के सबसे बड़े इज़राइली उपग्रह एंटेना

कक्षा

भूस्थिर कक्षा (~36,000 किमी)

संचालन प्रारंभ

कक्षा में पहुँचने के दो सप्ताह बाद, परीक्षणों के बाद शुरू होगा

प्रक्षेपण प्रक्रिया और तकनीकी सफलता

  • स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट दो चरणों वाला प्रक्षेपण यान है।
  • इसका पहला चरण सुरक्षित रूप से ड्रोन शिप पर लौटा, जबकि दूसरा चरण ड्रोर-1 को सटीक कक्षा में स्थापित करने में सफल रहा।
  • शुरुआती संकेतों में उपग्रह के सभी सिस्टम सफल और सक्रिय पाए गए हैं।

राष्ट्रीय महत्व और वैश्विक प्रभाव

  • IAI के CEO बोअज़ लेवी के अनुसार, ड्रोर-1 अब तक का सबसे उन्नत इज़राइली संचार उपग्रह है।
  • यह मिशन राष्ट्रीय सुरक्षा, तकनीकी श्रेष्ठता और अंतरिक्ष संप्रभुता का प्रतीक है।
  • यह प्रक्षेपण भारत जैसे देशों के लिए प्रेरणा है, जो अंतरिक्ष कूटनीति, ISRO के सहयोग, और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी को बढ़ावा दे रहे हैं।

भारत और अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में सीख

  • यह प्रक्षेपण दिखाता है कि सरकारी–निजी साझेदारी (जैसे ISRO-प्राइवेट स्पेस स्टार्टअप्स) से उपग्रह क्षमताओं में तेज़ी से सुधार संभव है।
  • भारत के ‘मेक इन इंडिया–स्पेस टेक’ प्रयासों को यह एक आदर्श उदाहरण प्रदान करता है।
  • भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संचार नेटवर्क, और वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग की दृष्टि से यह एक रणनीतिक संकेत भी है।

प्रश्न :-'ड्रोर-1' किस देश का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है?

(a) भारत

(b) अमेरिका

(c) इज़राइल

(d) रूस

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