भारत ने देश में जेवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) के सह-उत्पादन के लिए अमेरिका को प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। यह दुनिया की सबसे उन्नत तीसरी पीढ़ी की ए.टी.जी.एम. में से एक है।
विशेषताएँ
- विकास एवं उत्पादन : अमेरिकी रक्षा कंपनियों रेथियॉन एवं लॉकहीड मार्टिन द्वारा संयुक्त रूप से
- प्रकार : कंधे से दागी जाने वाली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल
- संचालन सिद्धांत : फायर एंड फॉरगेट सिद्धांत पर आधारित (मिसाइल लक्ष्य पर लॉक करने के बाद ऑपरेटर को गाइड करने की जरूरत नहीं)
- मारक क्षमता : लगभग 2.5 किमी. (नई वर्जन में अधिक)
- वारहेड : टेंडेम-चार्ज HEAT (High-Explosive Anti-Tank)
- निर्देशन प्रणाली : इंफ्रारेड इमेजिंग सीकर (IIR)
- लॉन्च सिस्टम : कमांड लॉन्च यूनिट (CLU) द्वारा
विशेष क्षमताएँ
- टॉप अटैक मोड : टैंक के ऊपरी सतह पर वार करता है जहाँ उसका कवच सबसे कमजोर होता है।
- डायरेक्ट अटैक मोड : हल्के बख्तरबंद वाहन या इमारतों के विरुद्ध।
- लो इन्फ्रारेड संकेत : दुश्मन के लिए ऑपरेटर का पता लगाना कठिन।
- वर्तमान में भारत के पास इजरायली स्पाइक ATGM, रूसी Kornet और स्वदेशी नाग मिसाइल भी विकल्प के रूप में उपलब्ध है।