New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM New Year offer UPTO 75% + 10% Off | Valid till 03 Jan 26 GS Foundation (P+M) - Delhi : 19th Jan. 2026, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 09th Jan. 2026, 11:00 AM

कांगेर घाटी

छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल में स्थित ‘कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान’ को यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए अपने प्रयासों को अधिक तेज कर दिया है। 

प्रमुख बिंदु

  • दावा है कि विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल करने के लिए यूनेस्कों द्वारा स्थापित 10 मापदंडों को यह राष्ट्रीय उद्यान पूरा करता है।
  • इन मापदंडों में जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास, महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी और जैविक प्रक्रियाओं, असाधारण सार्वभौमिक मूल्य आदि शामिल हैं, जिन्हें यह राष्ट्रीय उद्यान पूरा करता है।
  • यह छत्तीसगढ़ का पहला राष्ट्रीय उद्यान है जिसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर एवं दरभा विकासखंड में लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है। इसे वर्ष1982 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।
  • यह राष्ट्रीय उद्यान तीरथगढ़ जलप्रपात से प्रारम्भ होकर ओडिशा राज्य की सीमा से प्रवाहित होने वाली कोलाब/सबरी नदी तक विस्तृत है।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की सबसे लोकप्रिय पक्षी और छत्तीसगढ़ का राज्य पक्षी ‘बस्तर मैना’ है। यह पक्षी एक प्रकार का हिल माइन (ग्रुकुला धर्मियोसा) है जो मानव आवाज का अनुकरण करने में सक्षम है।  

कांगेर घाटी के बारे में 

  • इसका नाम कांगेर नदी पर पड़ा है जो उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है। यह नदी कोलाब नदी में मिलती है जो अंततः गोदावरी नदी तंत्र का हिस्सा बनती है।
  • लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैली यह घाटी अपनी विविध स्थलाकृति के लिए जाना जाती है। यहाँ समतल मैदानों के साथ-साथ हल्की एवं खड़ी ढलानें, पठार, गहरी खाइयाँ, घाटियाँ और घुमावदार नदी मार्ग देखने को मिलते हैं जो इसे भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत विशिष्ट बनाते हैं। 
  • कांगेर नदी से लगभग 150 फीट की ऊँचाई वाला तिरथगढ़ जलप्रपात निकलता है। इसके अलावा, इस घाटी में 15 से अधिक ड्रिपस्टोन, फ्लोस्टोन तथा चूना पत्थर की गुफाएँ मौजूद हैं जिनमें कुटुम्बसर, कैलाश एवं दंडक-स्टेलेग्माइट्स व स्टैलेक्टसाइट्स गुफाएँ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। 
  • कांगेर घाटी में मुख्यत: मिश्रित आर्द्र पर्णपाती वन पाए जाते हैं जिनमें साल, सागौन और बांस की प्रचुरता है। घाटी के प्रमुख वन्य जीवों में बाघ, तेंदुआ, चूहा हिरण, सांभर, चीतल, जंगली बिल्ली, भौंकने वाला हिरण, लंगूर, सियार, रीसस मैकाक और उड़ने वाली गिलहरी शामिल हैं।
  • पक्षी प्रेमियों के लिए भी यह घाटी विशिष्ट है जहाँ सामान्य पहाड़ी मैना, लाल जंगली मुर्गा, चित्तीदार उल्लू, रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो और विभिन्न प्रजातियों के तोते देखे जा सकते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR