चर्चा में क्यों?
ज्योति’ योजना केरल सरकार द्वारा प्रवासी बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नामांकित करने के लिए शुरू किए गए जनसंपर्क अभियान के दौरान लॉन्च की गई।

‘ज्योति’ योजना के बारे में:
- उद्देश्य:
- प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को केरल की औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल करना।
- समावेशी विकास को बढ़ावा देना, जिसमें स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कल्याण योजनाओं तक पहुंच शामिल हो।
- मौसमी प्रवास के बावजूद शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करना।
- लक्षित समूह
- 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को आंगनवाड़ियों में नामांकित किया जाएगा।
- 6 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।
- कार्यान्वयन प्रक्रिया:
- स्थानीय निकायों के सहयोग से: स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर योजना का कार्यान्वयन।
- शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि वे प्रवासी बच्चों की विशेष आवश्यकताओं को समझ सकें।
- मूल्यांकन और निगरानी: योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन और नियमित निगरानी।
केरल में प्रवासी श्रमिकों के लिए पृष्ठभूमि:
- प्रवासी श्रमिकों की संख्या:
- केरल में 35 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक रहते हैं, जिनमें से कई अपने परिवारों के साथ हैं।
- पूर्ववर्ती योजनाएं:
- ‘रोशनी’ प्रोजेक्ट: यह एक पहल थी जो प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को सामाजिक और शैक्षिक सेवाएं प्रदान करती थी।
- इडुक्की और कन्नूर में क्षेत्रीय प्रयास:
- इन जिलों में प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष शिक्षा और कल्याण कार्यक्रम चलाए गए थे।
प्रश्न:ज्योति योजना’ किस राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है?
(a) तमिलनाडु
(b) केरल
(c) कर्नाटका
(d) उत्तर प्रदेश
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