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कुरियन जोसेफ समिति

चर्चा में क्यों?

  • तमिलनाडु ने केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा के लिए कुरियन जोसेफ समिति गठित की है।
  • यह समिति ऐसे समय में गठित की गई है जब मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है।
  • इस पहल को तमिलनाडु में 1969 में गठित राजामन्नार समिति की तरह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसने केंद्र-राज्य संबंधों पर महत्वपूर्ण सिफारिशें दी थीं।

 Kurien-Joseph

समिति के प्रमुख बिंदु:

  • अध्यक्षता: जस्टिस कुरियन जोसेफ, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश।​
  • अन्य सदस्य: पूर्व आईएएस अधिकारी अशोक वर्धन शेट्टी और अर्थशास्त्री एम. नागनाथन।​
  • उद्देश्य: 
    • केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंधों की समीक्षा करना।
    • राज्यों के अधिकारों की रक्षा के उपाय सुझाना।
    • संघीय ढांचे को संतुलित करना।
  • समिति जनवरी 2026 तक अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और दो वर्षों के भीतर अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी।​

केंद्र-राज्य संबंध:

  • भारतीय संविधान ने एक मजबूत केंद्र के साथ संघीय ढांचे का प्रावधान किया है।
  • केंद्र और राज्यों के बीच विधानात्मक संबंध, कार्यपालिका संबंध  और आर्थिक और वित्तीय संबंध हैं।

 1. विधानात्मक संबंध  

  • संविधान की सातवीं अनुसूची में तीन सूचियाँ दी गई हैं:
  • संघ सूची – केवल केंद्र कानून बना सकता है (उदा. रक्षा, विदेश नीति)।
  • राज्य सूची– सामान्यतः राज्य कानून बनाते हैं (उदा. पुलिस, सार्वजनिक स्वास्थ्य)।
  • समवर्ती सूची – दोनों कानून बना सकते हैं; लेकिन विवाद की स्थिति में केंद्र का कानून सर्वोपरि होता है।
  • अनुच्छेद 249-253 में विशेष परिस्थितियों में संसद को राज्य सूची पर कानून बनाने की अनुमति दी गई है।

2. कार्यपालिका संबंध  

  • सामान्यतः राज्य प्रशासन स्वतंत्र होता है, लेकिन कुछ मामलों में:
    • केंद्र निर्देश दे सकता है (अनुच्छेद 256, 257)।
    • राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के दौरान केंद्र सीधे राज्य प्रशासन को नियंत्रित कर सकता है।
  • अंतर्राज्यीय परिषद और गवर्नर की भूमिका भी कार्यपालिका संबंधों में महत्वपूर्ण हैं।

3. आर्थिक और वित्तीय संबंध (Financial Relations)

  • संविधान के अनुच्छेद 268 से 293 तक वित्तीय संबंधों का विवरण है।
  • कर संग्रह और बंटवारे की व्यवस्था:
    • कुछ कर पूरी तरह केंद्र द्वारा वसूल और उपयोग किए जाते हैं।
    • कुछ कर केंद्र द्वारा वसूल लेकिन राज्यों को वितरित किए जाते हैं (जैसे – आयकर, GST में हिस्सा)।
  • वित्त आयोग हर पाँच साल में राज्यों को अनुदान और करों के बंटवारे की सिफारिश करता है।

केंद्र-राज्य संबंधों की जांच के लिए विभिन्न समितियां और आयोग:

आयोग / समिति का नाम

स्थापना वर्ष

अध्यक्ष

स्थापना किसके द्वारा

प्रमुख उद्देश्य / क्षेत्र

एम.सी. सीतलवाड़ समिति

1966

एम.सी. सीतलवाड़

प्रशासनिक सुधार आयोग

केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा

राजमन्नार समिति

1969

पी.वी. राजमन्नार

तमिलनाडु सरकार (एम. करुणानिधि)

केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा

सरकारिया आयोग

1983

न्यायमूर्ति आर.एस. सरकारिया

केंद्र सरकार (इंदिरा गांधी)

केंद्र-राज्य संबंधों की समग्र समीक्षा

एम.एम. पुंछी आयोग

2007

न्यायमूर्ति एम.एम. पुंची

केंद्र सरकार (मनमोहन सिंह)

सरकारिया आयोग की सिफारिशों का पुनरावलोकन

राष्ट्रीय संविधान समीक्षा आयोग

2000

न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया

केंद्र सरकार (अटल बिहारी वाजपेयी)

संविधान व केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा


प्रश्न. हाल ही में किस राज्य सरकार ने केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा हेतु 'कुरियन जोसेफ समिति' गठित की है?

(a) केरल

(b) आंध्र प्रदेश

(c) तमिलनाडु

(d) कर्नाटक

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