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विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स सहजता पर रिपोर्ट- 2021 

(प्रारंभिक परिक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा: प्रश्न पत्र-3: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि)

संदर्भ

हाल ही में, वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने “विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स सहजता पर रिपोर्ट- 2021” (Logistics Ease Across Different States- LEADS) को जारी किया है

लीड्स रिपोर्ट-2021 से संबंधित मुख्य तथ्य

  • लीड्स- 2021 रिपोर्ट में प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से राज्यों को तीन अलग-अलग वर्गों; ‘राज्य’, ‘उत्तर पूर्वी राज्य व हिमालयी केंद्रशासित प्रदेश’ और ‘अन्य केंद्रशासित प्रदेश’ में बांटा गया है। 
  • इस सूचकांक में 21 राज्यों की सूची में गुजरात, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने क्रमश: शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जबकि अंतिम तीन स्थान असम, हिमाचल प्रदेश और बिहार को प्राप्त हुए हैं।
  • उत्तर पूर्वी राज्यों व हिमालयी केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू व कश्मीर, सिक्किम तथा मेघालय ने क्रमशः शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। वहीं, अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली शीर्ष स्थान पर है।
  • वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड ने लीड्स- 2019 रैंकिंग की तुलना में अपने स्थान में उल्लेखनीय सुधार किया है। इस रिपोर्ट में ये राज्य शीर्ष सुधारकर्ता के रूप में सामने आए हैं।

विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स सहजता पर रिपोर्ट

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके लॉजिस्टिक तंत्र की दक्षता का आकलन करने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में ‘विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टक्स सहजता (लीड्स)’ अध्ययन को शुरू किया था। 
  • इस रिपोर्ट का पहला संस्करण लीड्स-2018 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर केंद्रित था, जबकि इसके दूसरे संस्करण लीड्स 2019 को अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू व्यापार, दोनों को सम्मिलित करते हुए जारी किया गया।
  • इस रिपोर्ट का उद्देश्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का आकलन करना और उन क्षेत्रों की पहचान करना है जहाँ वे लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
  • इस रिपोर्ट के प्रमुख तीन स्तंभों; बुनियादी ढाँचा, सेवाओं तथा संचालन एवं नियामक अनुमोदन के कुल 17 आधारों को शामिल किया गया है।
  • इसके अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सड़क, रेल और वेयरहाउसिंग जैसे प्रमुख बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता और क्षमता के साथ-साथ कार्गो की सुरक्षा, टर्मिनल सेवाओं की गति और नियामक अनुमोदन के आधार पर रैंकिंग प्रदान की गई है।
  • प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद के साथ, लीड्स रिपोर्ट स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना के माध्यम से एक ऐसा वातावरण निर्मित करती है, जहाँ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लॉजिस्टिक्स क्षमता में सुधार करने के लिये प्रेरित किया जाता है।

लॉजिस्टिक्स सहजता का महत्त्व

  • लॉजिस्टिक्स क्षेत्र विकास के इंजन के रूप में कार्य करता है, जो भारत को पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने हेतु एक प्रमुख कारक की भूमिका भी निभा रहा है।
  • व्यवसायों के साथ-साथ नागरिकों के लिये सहजता और सशक्तीकरण लाने हेतु प्रभावशाली लॉजिस्टिक्स महत्त्वपूर्ण है।
  • महामारी की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सहित अन्य आवश्यक सामानों की आपूर्ति करने में सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स तंत्र ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
  • भारत के लॉजिस्टिक्स तंत्र को बेहतर बनाने में राज्यों की विशेष भूमिका है। इस हेतु राज्यों को राज्य लॉजिस्टिक्स नीति और लॉजिस्टिक्स मास्टर प्लान तैयार करना चाहिये। साथ ही, लॉजिस्टिक्स शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना के लिये सिंगल-विंडो क्लीयरेंस प्रणाली का भी उपयोग किया जाना चाहिये।
  • विदित है कि भारत की लॉजिस्टिक्स लागत सकल घरेलू उत्पाद का 13-14 प्रतिशत है, जबकि यह विकसित देशों में केवल 7-8 प्रतिशत ही है।

लॉजिस्टिक्स सहजता हेतु भारत के प्रयास

  • देश में मल्टीमॉडल अवसंरचना के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन के उद्देश्य से हाल ही में प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान को शुरू किया गया है।
  • राजमार्ग निर्माण की गति 2013-14 में 12 किलोमीटर प्रति दिन से तीन गुना बढ़कर 2020-21 में 37 किलोमीटर प्रति दिन हो गई है। 
  • रेलवे का पूंजीगत व्यय, जो 2013-14 में 54,000 करोड़ रुपए था, वर्ष 2021 में चार गुना बढ़कर 2.15 करोड़ रुपए हो गया है। 
  • वर्ष 2009-14 के दौरान केवल 60 पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया था। वहीं, पिछले 7 वर्षों में 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ चुकी हैं।

निष्कर्ष

इस प्रकार, लीड्स रिपोर्ट लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाने में प्रमुख भूमिका निभा सकती है, ताकि भारत अगले पाँच वर्षों में लॉजिस्टिक्स लागत में 5 फीसदी की कमी के लक्ष्य को प्राप्त कर सके।

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