New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

माधवपुर मेला

चर्चा में क्यों

हाल ही में, राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने गुजरात में माधवपुर मेले का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस धार्मिक-सांस्कृतिक मेले का आयोजन प्रतिवर्ष पोरबंदर तट पर स्थित माधवपुर गाँव में किया जाता है। इसे माधवपुर घेड के नाम से भी जाना जाता है।
  • यहाँ माधवरायजी (भगवान कृष्ण) और उनकी पत्नी रुक्मिणी का मंदिर हैं जिसका निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था। 
  • यह मेला चैत्र राम नवमी से प्रारंभ होकर त्रयोदशी तिथि पर समाप्त होता है। पाँच दिन तक चलने वाले इस मेले में भगवान कृष्ण और रुक्मिणी की मूर्तियों के साथ माधवपुर में 'समैया' को प्रदर्शित करने वाला जुलूस निकाला जाता है जो वर-वधू को घर में स्वागत करने की रस्म को इंगित करता है।

पौराणिक मान्यता 

  • हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह मेला लगभग 4,000 वर्ष पूर्व रुक्मिणी के साथ भगवान कृष्ण के विवाह के स्मृति में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
  • इसके अनुसार, भगवान कृष्ण ने पोरबंदर के पास द्वारका में अपना राज्य स्थापित किया था। राजा भीमक (वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश का क्षेत्र) की बेटी रुक्मिणी, कृष्ण से विवाह करना चाहती थी, जबकि उनका भाई रुक्मिणी का विवाह कृष्ण के चचेरे भाई शिशुपाल से करना चाहता था।
  • इसलिये कृष्ण ने रुक्मिणी का अपहरण कर गुजरात के माधवपुर गांव में उनके साथ विवाह कर लिया। अत: यह मेला पूर्वोत्तर भारत के लोगों के लिये भी एक आस्था का विषय और पूर्व व पश्चिम के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR