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मालाबार विद्रोह

चर्चा में क्यों

भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् (ICHR) ने भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से मालाबार विद्रोह में शामिल वरियामकुन्नाथु कुन्हाहमद हाजी और अली मुसलियार सहित 382 शहीदों को हटाने की सिफारिश पर अपना निर्णय स्थगित कर दिया है।

विद्रोह के बारे में

  • मालाबार विद्रोह, जिसे मप्पिला या मोपला विद्रोह भी कहा जाता है, वर्ष 1921 में केरल के मालाबार में शुरू हुआ।
  • इस विद्रोह का तात्कालिक कारण वर्ष 1920 में कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया खिलाफत एवं असहयोग आंदोलन था। इन आंदोलनों से प्रेरित ब्रिटिश-विरोधी भावना को दक्षिण मालाबार के मुस्लिम मप्पिलाओं का प्रोत्साहन मिला।
  • यह विद्रोह अंग्रेजों के उन काश्तकारी कानून के विरोध में शुरू हुआ था, जो जमींदारों के पक्ष में था और जिसमें किसानों के लिये पहले की अपेक्षा कहीं अधिक शोषणकारी व्यवस्था थी। 
  • नए कानून ने उन्हें भूमि और उसकी उपज के सभी गारंटीकृत अधिकारों से वंचित कर वास्तव में उन्हें भूमिहीन बना दिया। 
  • विदित है कि अधिकांश जमींदार नंबूदिरी ब्राह्मण थे जबकि अधिकांश काश्तकार मप्पिला मुसलमान थे, जिसने विद्रोह को सांप्रदायिक रूप प्रदान किया।

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