New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Navratri Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Navratri Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

माओ जेडोंग एवं सांस्कृतिक क्रांति

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, विविध)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : विश्व इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ, यथा- औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन, जैसे- साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव)

संदर्भ 

16 मई, 2025 को माओ जेडोंग (जेदांग) के नेतृत्व में चीन में प्रारंभ सांस्कृतिक क्रांति (Cultural Revolution) के 59 वर्ष पूरे हुए। 

माओ जेडोंग के बारे में

  • जन्म : 26 दिसंबर, 1893, शाओशान, हुबेई, चीन
  • मृत्यु : 9 सितंबर, 1976, बीजिंग, चीन
  • पार्टी : कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना

राजनीतिक जीवन

  • कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होना: वर्ष 1921 में माओ ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना में हिस्सा लिया। वे किसानों को क्रांति का मुख्य आधार मानते थे, जो उस समय के मार्क्सवादी विचारों से अलग था।
  • लॉन्ग मार्च (1934-35) : माओ ने कम्युनिस्ट सेना का नेतृत्व किया और राष्ट्रवादी सेना (कुओमिन्तांग) के खिलाफ लड़ाई में लॉन्ग मार्च का आयोजन किया। यह 12,500 किलोमीटर की कठिन यात्रा थी, जिसने उन्हें पार्टी में एक प्रमुख नेता बनाया।
  • जापान के खिलाफ युद्ध : 1937-1945 के दौरान माओ ने जापानी आक्रमण के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध का नेतृत्व किया।
  • चीनी गृहयुद्ध : 1945-1949 में कम्युनिस्टों और कुओमिन्तांग के बीच गृहयुद्ध हुआ, जिसमें माओ की सेना विजयी रही। 1 अक्तूबर,1949 को उन्होंने बीजिंग में जनवादी गणराज्य चीन की घोषणा की।

शासनकाल और नीतियां

  • ग्रेट लीप फॉरवर्ड (1958-1962) : माओ ने इस अभियान के तहत कृषि व उद्योग को तेजी से विकसित करने की कोशिश की, लेकिन यह विफल रहा और लाखों लोग अकाल और भुखमरी के शिकार हुए।
  • सांस्कृतिक क्रांति (1966-1976) : माओ ने पूंजीवादी तत्वों और पुरानी परंपराओं को खत्म करने के लिए इस क्रांति की शुरुआत की। इसने व्यापक अराजकता, हिंसा एवं सांस्कृतिक विनाश को जन्म दिया।
  • माओ की नीतियों ने चीन को एकजुट किया किंतु भारी मानवीय व आर्थिक लागत पर।
  • माओ के विचार को ‘माओवाद’ कहा जाता है जो आज भी दुनिया के कई हिस्सों में प्रभावी हैं , जैसे- भारत में नक्सलवाद को बढ़ावा देना।
    • माओवाद विचारधारा यह मानती है कि सत्ता बंदूक की नली से निकलती है। 

चीन की सांस्कृतिक क्रांति (1966-1976)

  • प्रारंभ : यह माओ जेडोंग द्वारा 16 मई, 1966 में शुरू किया गया एक राजनीतिक एवं सामाजिक आंदोलन था।
  • मुख्य उद्देश्य
    • माओवाद का प्रसार और समाज में क्रांतिकारी विचारधारा को लागू करना।
    • कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर के विरोधियों, खासकर उन नेताओं को हटाना जो माओ के विचारों से असहमत थे।
    • चीन की पारंपरिक संस्कृति, कला, साहित्य एवं धार्मिक प्रथाओं को नष्ट करना।
  • मुख्य घटनाएँ
    • रेड गार्ड्स का गठन : माओ ने युवाओं को ‘रेड गार्ड्स’ (Red guards) के रूप में संगठित किया, जिनका काम पारंपरिक विचारों और विरोधियों के खिलाफ हिंसा फैलाना था।
    • राजनीतिक उत्पीड़न : माओ के लाखों विरोधियों को शत्रु वर्ग  के रूप में चिह्नित कर उन्हें सार्वजनिक अपमान, यातना एवं बलात् श्रम में भेजा गया।
    • समाज में उथल-पुथल: इस आंदोलन के कारण चीन में राजनीतिक एवं सामाजिक उथल-पुथल मच गई। अधिकांश सरकारी संस्थान ठप हो गए और शिक्षा व्यवस्था भी चरमरा गई। लोग डर एवं हिंसा में जीने लगे।
  • समाप्ति : वर्ष 1976 में माओ की मृत्यु के बाद सांस्कृतिक क्रांति का अंत हुआ और चीन ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाया।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X