चर्चा में क्यों?
भारतीय रेल मंत्रालय द्वारा हाल ही में मथुरा-वृंदावन रेलवे लाइन रूपांतरण परियोजना को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया।

क्यों लिया निर्णय:
- इस परियोजना का उद्देश्य मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज में बदलना था।
- इसकी अनुमानित लागत 402 करोड़ रुपये है।
- इस परियोजना को “अलाभकारी” माना जा रहा था।
- स्थानीय निवासियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था।
परियोजना की पृष्ठभूमि
- इस परियोजना की शुरुआत 2017-18 में हुई थी।
- इसका उद्देश्य मथुरा और वृंदावन के बीच रेल संपर्क को बेहतर बनाना था।
- यह रेलवे लाइन 100 वर्ष पुरानी मीटर गेज लाइन पर आधारित थी।
- इस पर 2023 तक प्रतिदिन दो रेल बसें संचालित होती थीं।
- परियोजना में पुरानी पटरियों को हटाकर नए तटबंध पर ब्रॉड गेज लाइन बिछाने की योजना थी
आर्थिक निवेश और वित्तीय निहितार्थ
- परियोजना की अनुमानित लागत थी 402 करोड़ रुपये।
- फरवरी 2023 में लाइन रूपांतरण के लिए 191 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया गया।
- स्टेशन सुविधाओं के निर्माण हेतु 38 करोड़ रुपये अलग से स्वीकृत किए गए थे।
- परियोजना को स्थगित करने से पहले ही बड़ी राशि खर्च की जा चुकी थी।
- इससे यह निर्णय वित्तीय दृष्टिकोण से विवादास्पद बन जाता है।
स्थानीय विरोध और सामाजिक प्रभाव
- परियोजना को स्थानीय समुदाय के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा।
- विरोध का मुख्य कारण था नया तटबंध डिजाइन, जो पटरियों को पार करने की सुविधा में बाधा डालता।
- मीटर गेज लाइन के स्थान पर बनी ब्रॉड गेज तटबंध लाइन से गाँवों और मोहल्लों के बीच संपर्क टूटने का खतरा था।
- जून 2023 में कार्य शुरू होते ही स्थानीय प्रदर्शन तेज हो गया।
प्रश्न. मथुरा-वृंदावन रेलवे लाइन रूपांतरण परियोजना किस कारण से स्थायी रूप से बंद की गई?
(a) पर्यावरणीय कारणों से
(b) परियोजना की आर्थिक लागत अत्यधिक थी
(c) इसे "अलाभकारी" माना गया और स्थानीय विरोध हुआ
(d) रेल मंत्रालय ने नई लाइन का विकल्प चुना
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