| (प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) |
संदर्भ
हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विंडो सिस्टम और अन्य प्लेटफॉर्म में नई AI सुविधाएँ जोड़ने की घोषणा की। कंपनी एक “एजेंटिक ऑपरेटिंग सिस्टम” यानी ऐसा सिस्टम बन रहा है जो प्राकृतिक भाषा में दिए गए निर्देश समझकर खुद निर्णय ले सके। लेकिन इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर माइक्रोसॉफ्ट की AI रणनीति की तीखी आलोचना हुई।
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा प्रस्तुत AI सुविधाएँ
- माइक्रोसॉफ्ट ने Windows, Microsoft 365, Edge, Outlook आदि सभी प्लेटफॉर्म में Copilot AI को और गहराई से इंटीग्रेट करना शुरू किया है।
- कंपनी का लक्ष्य है कि हर Windows 11 कंप्यूटर एक AI PC बने।
- Copilot अब ऑनलाइन ब्राउज़िंग, दस्तावेज़ बनाने, ईमेल प्रबंधन, मल्टीमीडिया बनाने, और सामग्री को सुधारने/सारांशित करने जैसे कार्य कर रहा है।
- विंडो को "agentic OS" बनाने का विचार कई उपयोगकर्ताओं को नापसंद आया क्योंकि इससे सिस्टम की स्वायत्तता बढ़ जाती है, यानी AI खुद एक्शन ले सकती है।
आलोचना क्यों
- उपेक्षित उपयोगकर्ता मांगें
- उपयोगकर्ताओं का कहना है कि वे AI नहीं, बल्कि Windows के पुराने, जरूरी फीचर्स में सुधार चाहते थे।
- Windows 11 के तकनीकी मुद्दे, बग और धीमापन अब भी बने हुए हैं।
- बढ़ती ब्लोटवेयर की समस्या
- उपयोगकर्ताओं को डर है कि AI फीचर्स जोड़ने से सिस्टम भारी (bloatware) हो जाएगा, कंप्यूटर धीमा होगा, और अनचाहे ऐप्स बढ़ेंगे।
- गोपनीयता और सुरक्षा खतरे
- “Recall” नामक फीचर पहले से ही विवादों में है, जिसके तहत AI उपयोगकर्ता गतिविधि के स्क्रीनशॉट लेती थी।
- प्राइवेसी विशेषज्ञों ने इसे गंभीर सुरक्षा जोखिम बताया।
- डाटा उपयोग को लेकर चिंता
- उपयोगकर्ताओं का आरोप है कि कंपनी डेटा इकट्ठा करने वाली AI सेवाएँ बढ़ा रही है, जबकि सामान्य उपयोगकर्ताओं को इससे कोई फायदा नहीं।
- कमज़ोर उपयोगकर्ता अनुभव
- कई उपयोगकर्ताओं ने बताया कि Windows 11 अपग्रेड करने पर सिस्टम धीमा हो रहा है, AI फीचर्स गड़बड़ कर रहे हैं, और विज्ञापन बढ़ गए हैं।
माइक्रोसॉफ्ट की प्रतिक्रिया
- कंपनी ने जोर देकर कहा कि उनके AI टूल सुरक्षित, प्राइवेसी-फ्रेंडली और उपयोगी हैं।
- CEO सत्य नडेला ने AI को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला उपकरण बताया और कहा कि AI को “जीरो-सम गेम” न समझा जाए।
- उपयोगकर्ताओं ने AI की गलतियाँ (hallucinations), गलत जानकारी देने और स्रोत की विश्वसनीयता की कमी की भी शिकायत की।
अन्य कंपनियों से तुलना
- OpenAI, Anthropic जैसी AI-फर्स्ट कंपनियाँ जब नए फीचर्स लाती हैं, तो उपयोगकर्ता आमतौर पर ज्यादा सकारात्मक रहते हैं क्योंकि वे पहले से AI-केंद्रित हैं।
- लेकिन गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी पुरानी टेक कंपनियाँ, जिनके लाखों उपयोगकर्ताओं की स्थिर अपेक्षाएँ हैं, जब हर जगह AI जोड़ने लगती हैं, तो उपयोगकर्ताओं को लगता है कि प्रयोगात्मक तकनीक उनके सिस्टम पर थोप दी जा रही है।
- गूगल के AI-जनित “सर्च ओवरव्यू” को भी सटीकता और मीडिया उद्योग पर असर को लेकर आलोचना मिली है।
निष्कर्ष
- माइक्रोसॉफ्ट का AI की ओर तेज़ झुकाव उसकी बड़ी तकनीकी रणनीति का हिस्सा है।
- लेकिन उपयोगकर्ताओं की प्राथमिकताएँ अलग हैं, वे तेज़, स्थिर और सुरक्षित विंडो चाहते हैं, न कि हर जगह मौजूद AI फीचर्स।
- उपयोगकर्ता अनुभव, गोपनीयता और सिस्टम स्थिरता से जुड़े मुद्दे हल न किए गए तो AI अपनाने को लेकर भरोसा कमजोर हो सकता है।
- यह विवाद दिखाता है कि AI नवाचार जितना तकनीकी मुद्दा है, उतना ही उपयोगकर्ता विश्वास और सामाजिक जिम्मेदारी का भी सवाल है।