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राष्ट्रीय महत्व के स्मारक

चर्चा में क्यों

हाल ही में, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से भारतीय संविधान के जनक एवं महान समाज सुधारक डॉ. आम्बेडकर से जुड़े दो स्थलों एवं राजस्थान में मानगढ़ पहाड़ी को ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ घोषित करने की सिफारिश की है। 

आम्बेडकर से जुड़े दो स्थल

  • प्राधिकरण ने वडोदरा (गुजरात) स्थित संकल्प भूमि बरगद के पेड़ परिसर को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किये जाने की सिफारिश की है। इसी स्थान पर डॉ. आम्बेडकर ने 23 सितंबर, 1917 को अस्पृश्यता उन्मूलन का संकल्प लिया था। यह स्थान सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है, जो डॉ. आम्बेडकर द्वारा शुरू की गई सामाजिक सम्मान क्रांति का गवाह रहा है।  
  • इसके अतिरिक्त, सतारा (महाराष्ट्र) स्थित प्रताप राव भोसले हाई स्कूल को भी राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किये जाने की सिफारिश की है। इसी स्कूल में आम्बेडकर ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी। 
  • ये स्थल सामाजिक सद्भाव और समानता के क्षेत्र में एक बहुमूल्य विरासत है, जिन्हें राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में घोषित व संरक्षित किया जाना चाहिये।

मानगढ़ पहाड़ी

  • राजस्थान के बांसवाड़ा ज़िले में स्थित मानगढ़ पहाड़ी वह स्थान है, जहाँ 17 नवंबर 1913 को ब्रिटिश सेना ने 1500 भील आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर गोलियां चलाकर मार दिया था। 
  • इस समय ये आदिवासी विरोध में एक शांतिपूर्ण सभा कर रहे थे, जिसका नेतृत्व गोविंद गुरु द्वारा किया जा रहा था। विदित है कि इस स्थान को आदिवासी जलियांवाला के नाम से भी जाना जाता है।
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