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म्यूरिन टाइफस

  • वियतनाम एवं कंबोडिया की यात्रा करने वाले केरल के एक व्यक्ति में ‘म्यूरिन टाइफस’ (Murine Typhus) नामक बीमारी का पता चला है।
  • कथित तौर पर यह राज्य में इस तरह का पहला मामला है। इससे पहले भारत में इसे मध्य प्रदेश, पूर्वोत्तर एवं कश्मीर में रिपोर्ट किया गया है।

म्यूरिन टाइफस के बारे में 

  • क्या है : एक दुर्लभ जीवाणु संक्रमण 
    • यह रिकेट्सिया टाइफी नामक जीवाणु के कारण होता है। 
  • संक्रमण : ओरिएंटल चूहा पिस्सू (ज़ेनोप्सिला चेओप्सिस) इसका वाहक है।
    • यह संक्रमित पिस्सू या पिस्सू गंदगी के संपर्क में आने से फैलता है और संक्रमण के 3-14 दिनों के भीतर लक्षण शुरू होते हैं।
  • लक्षण : बुखार, ठंड लगना, शरीर एवं मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, भूख न लगना, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, खांसी और चकत्ते आदि । 
  • निदान : रक्त परीक्षण द्वारा 
  • उपचार : एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन का उपयोग
    • यह एक स्व-सीमित बीमारी है किंतु डॉक्सीसाइक्लिन इस बीमारी की अवधि को कम करता है। इसकी रोकथाम के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
  • रोकथाम : चूहों एवं जंगली जानवरों को घरों व कार्यस्थलों से दूर रखना और यह सुनिश्चित करना कि घरेलू पालतू जानवर पिस्सू से संक्रमित न हों।
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