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नैनो उर्वरक संयंत्र

इफको ने ब्राजील में पहला विदेशी नैनो उर्वरक संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की है। यह संयंत्र इफको की सहायक कंपनी इफको नैनोवेंशन और ब्राजील की कंपनी नैनोफर्ट के बीच 7:3 के संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित किया जाएगा। यह सालाना 4.5 मिलियन लीटर नैनो-उर्वरक का उत्पादन करेगा।

नैनो उर्वरक (Nano Fertilizer) के बारे में में 

  • परिचय : यह नैनो प्रौद्योगिकी पर आधारित उर्वरक हैं जिसमें पोषक तत्वों को नैनोमीटर स्तर (1-100 नैनोमीटर) के कणों के रूप में तैयार किया जाता है जिससे वे पौधों द्वारा जल्दी एवं अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित हो सकते हैं। इन्हें प्रायः स्प्रे या ड्रिप सिंचाई के माध्यम से उपयोग में लाया जाता है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • उच्च पोषक तत्व दक्षता
    • कम खपत, अधिक लाभ
    • पर्यावरण के लिए सुरक्षित
    • मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में सहायक
    • पत्तियों के माध्यम से सीधे अवशोषण 

नैनो उर्वरकों के प्रकार

  • नैनो-आधारित पोषक तत्व उर्वरक : इनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, जस्ता, लोहा, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व नैनो रूप में होते हैं। उदाहरण: नैनो-यूरिया, नैनो-जिंक, नैनो-फॉस्फेट।
  • नैनो-कम्पोजिट उर्वरक : ये नैनोमटेरियल्स एवं पारंपरिक उर्वरकों का मिश्रण होते हैं जो धीरे-धीरे पोषक तत्वों को उत्सर्जित करते हैं। उदाहरण: नैनो-क्ले आधारित उर्वरक।
  • नैनो-बायो उर्वरक : इनमें सूक्ष्मजीवों (जैसे- नाइट्रोजन-स्थिरीकरण करने वाले बैक्टीरिया) को नैनोमटेरियल्स के साथ संबद्ध किया जाता है।
  •  नैनो-कोटेड उर्वरक : पारंपरिक उर्वरकों पर नैनो-कोटिंग की जाती है जो पोषक तत्वों के उत्सर्जन को नियंत्रित करती है।

नैनो उर्वरकों के लाभ

  • उच्च अवशोषण दक्षता : नैनो आकार के कारण पौधों की जड़ें एवं पत्तियाँ इन्हें आसानी से अवशोषित कर लेती हैं।
    • पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में 20-50% कम मात्रा में उपयोग की आवश्यकता होती है।
  • नियंत्रित उत्सर्जन : ये उर्वरक धीरे-धीरे पोषक तत्व छोड़ते हैं, जिससे पौधों को लंबे समय तक पोषण मिलता है और अपव्यय कम होता है।
  • पर्यावरणीय लाभ : मृदा एवं जल प्रदूषण कम होता है क्योंकि पोषक तत्वों का रिसाव (लीचिंग) कम होता है।
    • नाइट्रोजन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है।
  • उत्पादकता में वृद्धि : पौधों की वृद्धि, फूल एवं फल उत्पादन में सुधार होता है जिससे फसलों की गुणवत्ता व उपज में वृद्धि होती है।
  • रोग प्रतिरोधकता : कुछ नैनो उर्वरक (जैसे- नैनो-जिंक) पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
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