चर्चा में क्यों?
संसद और राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी) की विधानसभाओं की प्राक्कलन समितियों का राष्ट्रीय सम्मेलन महाराष्ट्र विधान भवन, मुंबई में संपन्न हुआ।

प्रमुख बिंदु:
- यह सम्मेलन संसद की प्राक्कलन समिति की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था।
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 23 जून 2025 को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
- राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय था – ‘प्रशासन में दक्षता और मितव्ययिता सुनिश्चित करने के लिए बजट अनुमानों की प्रभावी निगरानी और समीक्षा में प्राक्कलन समिति की भूमिका’।
प्राक्कलन समिति के बारे में:
- प्राक्कलन समिति भारतीय संसद की तीन प्रमुख वित्तीय समितियों में से एक है; अन्य दो समितियाँ हैं – लोक लेखा समिति और सार्वजनिक उपक्रम समिति।
- लोकसभा तथा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं की प्राक्कलन समिति का गठन संबंधित सदनों में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के अंतर्गत किया जाता है।
लोकसभा की प्राक्कलन समिति:
- लोकसभा की प्राक्कलन समिति में कुल 30 सदस्य होते हैं।
- राज्यसभा का कोई भी सदस्य इस समिति का सदस्य नहीं होता है।
- प्राक्कलन समिति के सदस्यों का चुनाव लोकसभा के सदस्यों द्वारा लोकसभा के ही वर्तमान सदस्यों में से किया जाता है।
- लोकसभा अध्यक्ष इस समिति के निर्वाचित 30 सदस्यों में से एक को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करते हैं।
- यह एक संसदीय समिति होती है, इसलिए कोई भी मंत्री इस समिति का सदस्य नहीं बनाया जा सकता।
- समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होता है।
प्राक्कलन समिति के कार्य:
- सरकार द्वारा बजट प्रस्तुत किए जाने के बाद प्राक्कलन समिति का कार्य प्रारंभ होता है।
- यह प्रत्येक मंत्रालय और प्रशासनिक विभाग द्वारा प्रस्तुत व्यय अनुमानों की विस्तृत समीक्षा करती है।
- यह प्रशासन में मितव्ययिता और दक्षता को बढ़ाने हेतु सुझाव देती है, जो अनुमानों में निहित नीति के अनुरूप होते हैं।
- यह समिति यह भी जांच करती है कि व्यय की गई राशि अनुमानों में निहित नीति की सीमाओं के अंतर्गत है या नहीं।
प्रश्न. प्राक्कलन समितियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 कहाँ आयोजित हुआ?
(a) नई दिल्ली
(b) जयपुर
(c) मुंबई
(d) पुणे
|